एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) 2025 में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब PF विथड्रावल पहले से कहीं ज्यादा आसान होगा। EPFO एक नया टेक-ड्रिवेन सिस्टम लाने की तैयारी में है। इसके तहत यूजर्स UPI और ATM के जरिए भी अपना प्रोविडेंट फंड निकाल सकेंगे। देशभर में EPFO के 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर हैं। यह नया सिस्टम पूरी तरह सीमलेस होगा। जिससे यूजर्स को एक स्मार्ट और सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।

EPFO विथड्रावल अब पूरी तरह डिजिटल और आसान
बता दें कि वर्तमान सिस्टम में यूज़र को कई बार डॉक्युमेंट्स अपलोड करने पड़ते हैं। प्रोसेसिंग में कई दिन लग जाते हैं। यहां तक की एप्लीकेशन को मंजूरी मिलने में देरी होती है। हालांकि नए UPI-लिंक्ड विथड्रावल सिस्टम से चीज़ें काफी आसान हो जाएंगी। जैसे ही ये नया फीचर लाइव होगा, यूज़र्स को बस कुछ ये आसान स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
- EPFO पोर्टल पर लॉग इन करें।
- ‘Withdraw via UPI’ का ऑप्शन चुनें।
- अपनी UPI ID दर्ज करें।
- विथड्रावल राशि (amount) दर्ज करें।
- अब बिना किसी एडिशनल डॉक्युमेंट के ट्रांजैक्शन को कन्फर्म करें।
EPFO का नया फीचर, PF निकालना होगा आसान
लेबर मिनिस्टरी EPFO एकाउंट्स को ATM से इंटीग्रेट करने पर विचार कर रही है। इससे मेंबर्स अपने PF बैलेंस को बैंक ट्रांजेक्शन की तरह विथड्रॉ कर सकेंगे। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपका EPF अकाउंट आपके रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट से लिंक हो। यह सर्विस खासकर इमरजेंसी में बहुत मददगार साबित होगी। जो लोग ऑनलाइन सिस्टम से कंफर्टेबल नहीं हैं, उनके लिए यह एक सरल विकल्प होगा।
Auto-Settlement के साथ अब Withdrawal Limit में भी वृद्धि
बताते चलें की EPFO की ऑटो-सेटलमेंट सुविधा पहली बार COVID-19 के दौरान शुरू की गई थी। तब ₹1 लाख तक के क्लेम्स 72 घंटे में प्रोसेस किए जाते थे। अब यह लिमिट बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है। इससे मेडिकल इमरजेंसी, शादी या होम लोन जैसी जरूरतों में यूज़र्स को बड़ी राहत मिली है। छोटे क्लेम्स को ऑटोमेट करके EPFO मैन्युअल प्रोसेस को खत्म करना चाहता है। इससे हर साल आने वाली 5 करोड़ से ज्यादा विथड्रावल रिक्वेस्ट का बोझ भी कम होगा।
इस बीच, EPFO छोटे क्लेम्स की प्रोसेसिंग को ऑटोमेट कर रहा है। इसका उद्देश्य मैन्युअल इंटरवेन्शन को धीरे-धीरे खत्म करना है। हर साल 5 करोड़ से ज्यादा विथड्रावल रिक्वेस्ट आती हैं। ऐसे में नए सिस्टम से इस भारी बोझ को कम किया जा सकेगा।
EPFO का सिक्योर सिस्टम, अब PF डेटा पूरी तरह सुरक्षित
PF डेटा बेहद संवेदनशील होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए EPFO ने सुरक्षा उपाय लॉन्च किए हैं। इसमें शामिल हैं:
- दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two-Factor Authentication)
- आधार और डिजिलॉकर वेरफिफिकेशन
- एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ डेटा ट्रांसफर
बता दें कि नया सिस्टम एक सुरक्षित फिनटेक गेटवे का इस्तेमाल करेगा। EPFO एक फाइनेंशियल इंस्टीटूशन नहीं है, हालांकि यह गेटवे डेटा और फंड की सिक्योरिटी सुनिश्चित करेगा।
Summary
EPFO 2025 से PF विथड्रावल प्रोसेस को पूरी तरह डिजिटल और आसान बनाने जा रहा है। नया सिस्टम UPI और ATM के ज़रिए विथड्रावल की सुविधा देगा। यूज़र्स को ट्रांजैक्शन के लिए डाक्यूमेंट्स अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी।ऑटो-सेटलमेंट की लिमिट ₹5 लाख तक बढ़ा दी गई है। डेटा की सुरक्षा के लिए सख्त उपाय किए गए हैं। इसमें दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, आधार और डिजिलॉकर वेरिफिकेशन शामिल हैं। साथ ही, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से डेटा ट्रांसफर पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
