भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने एक अहम घोषणा की है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के चौथे क्वार्टर के लिए 65% एवरेज परफॉरमेंस बोनस देगी। यह बोनस बैंड 6 और उससे ऊपर के कर्मचारियों को मिलेगा। इसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सलाहकार और मिड-लेवल मैनेजर्स शामिल हैं। ये वही लोग हैं जो इंफोसिस की वर्कफोर्स का बड़ा हिस्सा हैं। बता दें की यह बोनस मई 2025 की सैलरी के साथ जारी किया जाएगा।

इंफोसिस बोनस में इस बार देखी गई कटौती
बताते चलें की इस बार बोनस में गिरावट देखने को मिली है। साल 2025 के चौथे क्वार्टर में इंफोसिस ने एवरेज 65% बोनस दिया है। वही पिछले कुछ क्वाटर्स की बात करें तो तीसरे क्वार्टर में 80% और दूसरे में 90% का पेआउट देखा गया। इसका मतलब है कि पिछले क्वाटर से लगभग 15% की कटौती हुई है। आर्थिक चुनौतियों का सीधा प्रभाव कंपनी पर पड़ा है। जहां कुछ कर्मचारियों को सिर्फ 50% बोनस मिला है। वहीं, टॉप परफॉर्मर्स को 70% से अधिक बोनस दिया गया।
फाइनेंशियल प्रेशर बना कटौती की वजह
दरअसल इंफोसिस के बोनस में कटौती इसके कमजोर फाइनेंशियल परफॉरमेंस से जुड़ा है। इस Q4 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 12% से घटकर ₹7,033 करोड़ रह गया हैं। यह आकंड़ा बाजार की उम्मीदों से भी कम है। साथ ही, आने वाले साल 2025-26 के लिए कंपनी ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान भी सिर्फ 0 से 3 प्रतिशत तक ही रखा है। ऐसे हालात में कंपनी संभलकर लेकिन उम्मीद के साथ आगे बढ़ रही है।
कम्युनिकेशन गैप के चलते कर्मचारियों में नाराज़गी
इन सभी के बीच कम्युनिकेशन की कमी के चलते कर्मचारियों में मायूसी देखने को मिली। इस बार बोनस की घोषणा के दौरान किसी भी तरह का मोटिवेशनल मैसेज नहीं दिया गया। हालांकि पिछले क्वार्टर के दौरान ऐसा नहीं था। ऐसे में कई एम्प्लॉयीज ने इस पर नाराज़गी जताई। खासकर वे, जिन्होंने पहले 100% या उससे ज़्यादा बोनस दिया गया था। इस बीच कंपनी के सीनियर एम्प्लॉयी ने बताया कि दस साल में इतना कम बोनस कभी नहीं मिला है।
आर्थिक दबाव में दिग्गज टेक कंपनियां
बताते चलें की इंफोसिस अकेली ऐसी कंपनी नहीं है, जो इस समय विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही है। इंफोसिस की राइवल कंपनी TCS ने हाल ही में सीनियर कर्मचारियों के लिए क्वाटर्ली वेरिएबल अलाउंस (QVA) में कटौती की है, जबकि विप्रो ने अभी तक सैलरी इन्क्रीमेंट की कोई घोषणा नहीं की है। TCS ने भी वेतन बढ़ाने के फैसले को फिलहाल टाल दिया है। Q4 में कई सीनियर कर्मचारियों को सिर्फ 20-30% ही वेरिएबल बोनस मिला है।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, यह संकेत साफ़ हैं कि आईटी सेक्टर कई अहम चुनौतियों से जूझ रहा है। इन प्रमुख इश्यूज में लेस क्लाइंट स्पेंडिंग, डिसीजन लेने में देरी और कमजोर अर्थव्यवस्था शामिल हैं।इस बीच, इंफोसिस के लीडर्स ने कर्मचारियों से कहा है कि वे अपना फोकस बनाए रखें और मोटिवेट रहें। साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया है कि हालात सुधरने पर बोनस बेहतर हो सकता है।
डिजिटल दुनिया में आगे होने के बावजूद, आईटी कंपनियां आज आर्थिक दबाव में हैं। कम बोनस साफ दिखाता है कि आईटी सेक्टर अभी भी अनिश्चित दौर से गुजर रहा है।
SUMMARY
इंफोसिस ने Q4 में 65% एवरेज बोनस देने का फैसला किया है। यह पिछले क्वार्टर्स के मुकाबले काफी कम बताया जा रहा है। बोनस कटौती के इस फैसले के चलते कर्मचारियों के बीच काफी नाराज़गी देखी गई है। इस आर्थिक दबाव का असर सिर्फ इंफोसिस तक ही सीमित नहीं है। TCS और विप्रो जैसी अन्य आईटी कंपनियों पर भी यह असर साफ़ तौर पर नजर आ रहा है।
