12 महीने में 1.65 लाख Schengen visa रिजेक्ट, भारतीयों को ₹136 करोड़ का नुकसान


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Aug 06, 2025


2025 में भारतीयों के लिए शेंगेन वीज़ा पाना पहले से ज्यादा मुश्किल हो गया है। वीज़ा रिजेक्शन के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों में हालात और भी कठिन हैं, जहां भारतीय आवेदकों की रिजेक्शन रेट तेजी से बढ़ी है। बता दें कि 2024 में 1.65 लाख से ज्यादा भारतीयों के शेंगेन वीज़ा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिए गए। 

इनमें से ज्यादातर मामलों में वीज़ा फीस, होटल बुकिंग, एयरलाइन टिकट और ट्रैवल इंश्योरेंस जैसे खर्च नॉन-रिफंडेबल थे। इसके चलते यात्रियों को ₹136 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।

2025 में शेंगेन Visa Rejection का बढ़ता आंकड़ा

2025 में वीज़ा रिजेक्शन के आंकड़े बढ़ गए हैं। जर्मनी और इटली ने 15,000 से ज्यादा आवेदन खारिज किए। नीदरलैंड ने 14,569 और स्विट्ज़रलैंड ने 26,126 आवेदन रिजेक्ट किए। सबसे ज्यादा रिजेक्शन फ्रांस में हुआ, जहां 31,314 आवेदन खारिज हुए। इस बीच रिजेक्शन के चलते करीब ₹25.8 करोड़ का नुकसान हुआ है। यहां तक की अपील प्रक्रिया में भी बदलाव आए है।

जर्मनी ने अपनी आसान अपील प्रक्रिया अब समाप्त कर दी है। अब जो एप्लीकेशन रिजेक्ट होगी, उन्हें कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। जो पहले से कहीं ज्यादा एक्सपेंसिव है।

वीज़ा अपॉइंटमेंट के लिए दो महीने की वेटिंग

कई शेंगेन कॉन्सुलेट्स में वीज़ा अपॉइंटमेंट के लिए लंबा इंतज़ार चल रहा है। अपॉइंटमेंट मिलने में दो महीने तक लग सकते हैं। यह समस्या खास तौर पर पीक सीज़न बढ़ जाती है। फ्रांस और जर्मनी में पेंडिंग मामलों का असर सबसे ज़्यादा दिख रहा है। परेशानी सिर्फ़ टूरिस्ट तक सीमित नहीं है। वर्किंग प्रोफेशनल्स, छोटे कारोबारी और स्टूडेंट्स भी इन्हीं समस्याओं से जूझ रहे हैं। 

जर्मनी तक पहुंच अब पहले से ज़्यादा मुश्किल

भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी पहुंचना अब पहले से कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। वीज़ा प्रक्रिया सख्त हो गई है। अपॉइंटमेंट में देरी और रिजेक्शन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जा रही है की वह- 

  • वीज़ा के लिए जल्द आवेदन करें
  • सभी डॉक्यूमेंट जमा करें
  • लंबा इंतज़ार झेलने के लिए तैयार रहें
  • दूसरे देशों के विकल्पों पर भी सोचें

भारत-ईयू यात्रा संबंधों पर खतरा

अगर वीज़ा प्रक्रिया में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो भारत और यूरोपीय संघ के बीच यात्रा संबंधों को बड़ा नुकसान हो सकता है। 2024 में वीज़ा रिजेक्शन के चलते भारतीय यात्रियों को लगभग ₹662 करोड़ का नुकसान हुआ है। कई देशों ने वीज़ा देने से इनकार किया। इसकी वजह से यात्रियों को होटल बुकिंग, ट्रैवल इंश्योरेंस और नॉन-रिफंडेबल एयरलाइन टिकट जैसी सेवाओं में नुकसान उठाना पड़ा।

जून 2024 में शेंगेन वीज़ा की कीमत 12% बढ़ाई गई है। अब एडल्ट्स के लिए वीज़ा फीस €90 और बच्चों के लिए €45 हो गया है। वहीं, न्यूज़ीलैंड में टूरिस्ट वीजा की कीमत NZD 119 से बढ़ाकर NZD 188 कर दी गई है। 2024 में विदेश यात्रा में 8.5% की बढ़ोतरी देखी गई है। जनवरी से अक्टूबर के बीच लगभग 2.5 करोड़ भारतीय विदेश गए। इस वृद्धि के पीछे आसान ट्रेवल लोन की अहम भूमिका रही है।

Summary

2025 में भारतीयों के लिए शेंगेन वीज़ा पाना और मुश्किल हो गया है। वीज़ा रिजेक्शन की दर तेजी से बढ़ी है, खासकर जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों में। 2024 में 1.65 लाख से ज्यादा वीज़ा आवेदन रिजेक्ट हुए, जिससे भारतीयों को ₹136 करोड़ का नुकसान हुआ। अपॉइंटमेंट में लंबा इंतजार और सख्त अपील प्रक्रिया से मुश्किलें बढ़ी हैं। सुधार नहीं हुआ तो भारत-ईयू यात्रा संबंधों को नुकसान हो सकता है।


Bhawna Mishra
Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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