2024 में, भारतीय IT की प्रमुख कंपनियों जैसे TCS और Infosys ने अमेरिका द्वारा जारी किए गए H-1B वीजा का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया, बता दें की कुल 130,000 में से 24,766 वीजा इन कंपनियों के खाते में गए है। यह वीजा प्रोग्राम अमेरिकी कंपनियों को विशिष्ट पदों के लिए विदेशी कर्मचारियों को टेम्परी रूप से नियुक्त करने का अवसर देता है। जहां Infosys इस सूची में शीर्ष पर है, वहीं H-1B वीजा पर बढ़ती बहस के कारण अमेरिका में इमीग्रेशन पॉलिसी में बदलाव आ रहा है।

H-1B वीजा लिस्ट में भारतीय कंपनियों की बढ़त
आपको बता दें की आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारतीय IT दिग्गजों ने H-1B वीजा के लिए शानदार प्रदर्शन किया। जहां एक ओर इंफोसिस ने सबसे अधिक 8,140 वीजा प्राप्त किए, वही टाटा कंसल्टेंसी (TCS) को 5,274 और HCLको 2,953 वीजा मिले। इसके साथ ही, इंफोसिस से आगे निकलने वाली एकमात्र कंपनी Amazon Com Services LLC थी, जिसने 9,265 वीजा हासिल किए।
वही तीसरे स्थान पर कॉग्निजेंट ने 6,321 वीजा के साथ जगह बनाई है। इस लिस्ट में अन्य भारतीय कंपनियों में विप्रो और टेक महिंद्रा भी शामिल हैं, जिन्होंने क्रमशः 1,634 और 1,199 वीजा हासिल किए।
2024 में H1B स्पॉन्सरशिप के लिए शीर्ष भारतीय कंपनियों की सूची
अमेज़न कॉम सर्विसेज LLC
9,265 अप्रूवल
इंफोसिस लिमिटेड
8,140 अप्रूवल
कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस
6,321अप्रूवल
गूगल LLC
5,364 अप्रूवल
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड
5,274 अप्रूवल
मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक
4,844 अप्रूवल
माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन
4,725 अप्रूवल
एप्पल इंक
3,873 अप्रूवल
HCL अमेरिका इंक
2,953 अप्रूवल
IBM कॉर्पोरेशन
2,906 अप्रूवल
अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर बहस
H-1B वीजा पर जारी बहस ने अमेरिकी राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है, खासकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के MAGA समर्थकों के बीच। इसके साथ ही, Tesla और SpaceX के CEO एलन मस्क ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की है। उनका मानना है कि टेक और अन्य प्रोफेशनल्स के लिए H-1B वीजा का दरवाजा खुला रखना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर बहस
H-1B वीजा पर जारी बहस ने अमेरिकी राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है, खासकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के MAGA समर्थकों के बीच। इसके साथ ही, Tesla और SpaceX के CEO एलन मस्क ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की है। उनका मानना है कि टेक और अन्य प्रोफेशनल्स के लिए H-1B वीजा का दरवाजा खुला रखना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मस्क और ट्रंप का H-1B वीजा पर समर्थन
यह वीजा कार्यक्रम विदेश में जन्मे कंप्यूटर वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्य उच्च स्किल्ड एम्प्लाइज को अमेरिका में काम करने का मौका देता है। मस्क के इस रुख का ट्रंप ने समर्थन किया है। उन्होंने H-1B वीजा के पक्ष में अपनी इच्छा जाहिर की और इसे अमेरिका के लिए “एक शानदार कार्यक्रम” करार देते हुए कहा, “मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं, यही वजह है कि हम इस पॉलिसी को बनाएं रखे।”
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SUMMARY
2024 में, भारतीय IT कंपनियों जैसे Infosys और TCS ने अमेरिका के H-1B वीजा का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया, जिसमें कुल 130,000 वीजा में से 24,766 वीजा इन कंपनियों को मिले। Infosys ने 8,140 वीजा के साथ सबसे अधिक अप्रूवल प्राप्त किए। वहीं, H-1B वीजा पर बढ़ती बहस ने अमेरिकी इमीग्रेशन पॉलिसी में बदलाव की दिशा तय की है, जिस पर डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने भी अपना समर्थन जताया।
