17 मार्च को भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) ने रावतभाटा, राजस्थान स्थित एटॉमिक प्रोजेक्ट (RAPP) की यूनिट 7 को सफलतापूर्वक चालू किया। इस 700 MW क्षमता वाला प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (PHWR) को एटॉमिक एनर्जी रिएक्टर बोर्ड (AERB) द्वारा निर्धारित सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के बाद 2:37 बजे उत्तरी ग्रिड से जोड़ा गया।

बता दें की रेगुलेटरी अप्रूवल के बाद, रिएक्टर का बिजली उत्पादन धीरे-धीरे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचेगा।
स्वदेशी न्यूक्लियर एनर्जी में भारत की प्रगति
RAPP-7 की बात करें तो यह NPCIL के 700 मेगावाट PHWR रिएक्टर सीरीज का तीसरा रिएक्टर है। इसके साथ ही, पिछली दो यूनिट्स KAPS
3 और 4 रिएक्टर भी गुजरात के काकरापार में स्थित हैं। ये रिएक्टर भारत की तकनीक और सुरक्षा सुविधाओं में अहम प्रगति को दर्शाते हैं।
इस पर बात करते हुए कंपनी ने कहा, “RAPP-7 का सफल ग्रिड कनेक्शन और NPCIL के मजबूत रिएक्टर डिजाइन, भारतीय न्यूक्लियर इंडस्ट्री की क्षमताओं को साबित करता है।”
परमाणु रिएक्टर से बिजली उत्पादन में वृद्धि
इस बीच देखा जाए तो न्यूक्लियर एनर्जी को रिन्यूएबल सोर्स के रूप में नहीं माना जाता है, फिर भी यह एक जीरो एमिशन स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करने में सक्षम है। यूरेनियम फिशन के जरिए बिजली उत्पादन करके यह फॉसिल फ्यूल से पैदा होने वाले हार्मफुल एमिशन से बचाता है। एक 700 मेगावाट रिएक्टर हर साल लगभग 5.2 बिलियन यूनिट बिजली पैदा कर सकता है, जिससे करीब 4.5 मिलियन टन CO2 एमिशन को रोका जा सकता है।
NPCIL के अध्यक्ष भुवन चंद्र पाठक ने कहा कि ये रिएक्टर 2047 तक भारत के परमाणु ऊर्जा मिशन (Nuclear Energy Mission) के 100 गीगावाट लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे।
रावतभाटा का बढ़ता परमाणु प्रभाव
आपको बता दें की RAPP-7 के जुड़ने के बाद, अब रावतभाटा में कुल सात एक्टिव यूनिट्स हैं, जो मिलकर 1,880 मेगावाट बिजली उत्पादन करती हैं। वही NPCIL इस समय देश भर में 25 रिएक्टर चला रहा है। इतना ही नहीं, यह आने वाले समय में न्यूक्लियर एनर्जी की क्षमता को बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं पर भी काम कर रहा है।
भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करना
ऐसे में भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को देखते हुए, स्वच्छ ऊर्जा के लिए केवल रिन्यूएबल सोर्स पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा। खासतौर पर इस स्थिति में जब प्रोडक्शन और स्टोरेज के उपाय सीमित हैं। इस बीच परमाणु ऊर्जा देश की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने और 2047 तक अपनी जीरो एमिशन की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद विकल्प है।
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SUMMARY
17 मार्च को NPCIL ने रावतभाटा में 700 MW क्षमता वाले RAPP-7 रिएक्टर को सफलतापूर्वक चालू किया। यह भारत की स्वदेशी परमाणु ऊर्जा तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति है। RAPP-7 का सफल ग्रिड कनेक्शन भारतीय न्यूक्लियर इंडस्ट्री की ताकत को दिखाता है। यह रिएक्टर सालाना 5.2 बिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर, 4.5 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन को रोकने में मदद करेगा।
