पिछले कुछ वर्षों में, भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले उच्च आय वाले लोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दशक में करोड़पति करदाताओं की संख्या पांच गुना बढ़कर 230,000 हो गई है। यह प्रभावशाली वृद्धि देश की बढ़ती आर्थिक समृद्धि को उजागर करती है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2013-14 (वित्त वर्ष 2012-13) में 44,078 से पांच गुना बढ़कर अप्रैल 2023-24 (वित्त वर्ष 2022-23) में लगभग 2.3 लाख हो गई। इसमें उन लोगों की संख्या भी शामिल है, जिन्होंने 1 करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्य आय का खुलासा किया है। टैक्स डिपार्टमेंट के वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान व्यक्तियों द्वारा दाखिल किए गए कर रिटर्न की संख्या 2.2 गुना बढ़कर 3.3 करोड़ से 7.5 करोड़ से अधिक हो गई हैं।
टैक्सपेयर्स के इनकम पैटर्न
बताते चलें की इस रिकॉर्ड में 1-5 करोड़ रुपये की इनकम वाले लोगों में 53% कर्मचारी थे। हालांकि लेकिन जैसे-जैसे आय बढ़ी, कर्मचारियों की संख्या घटने लगी। ऐसे में यहां बिजनेसमैन और प्रोफेशनल्स की संख्या बढ़ती हुई दिखाई दी है। उदाहरण के लिए, 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय घोषित करने वाले 23 लोगों में से कोई भी कर्मचारी नहीं था, जबकि 100-500 करोड़ रुपये के बीच 262 में से 19 कर्मचारी थे।
वही 2013-14 में, सिर्फ एक व्यक्ति ने 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय बताई, जबकि 100-500 करोड़ रुपये में दो लोग शामिल थे। हालांकि, 2022-23 में 25 करोड़ रुपये से अधिक आय रिपोर्ट करने वालों की संख्या गिरावट दर्ज की गई, जो 1,812 से घटकर 1,798 हो गई।
वेतनभोगियों के आय वर्गों में परिवर्तन
इसके अतिरिक्त सैलरीड एम्प्लाइज में 10 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले वर्ग में 4.7% की कमी आई, जो 1,656 से 1,577 तक पहुंच गई। 4.5 लाख से 9.5 लाख रुपये की आय वाले व्यक्तियों ने AY2023-24 में दाखिल आयकर रिटर्न का 52% हिस्सा लिया, जबकि AY2013-14 में 1.5-3.5 लाख रुपये वाले रिटर्न का हिस्सा 54.6% था।
दाखिल किए गए हर चार रिटर्न में से एक 5.5-9.5 लाख रुपये के समूह से था, जबकि पांच में से एक रिटर्न 250,000 रुपये से 3,500,000 रुपये के समूह में दर्ज किया गया। वही 5.5-9.5 लाख रुपये का समूह अब ग्रॉस इनकम में 23% हिस्सेदारी रखता है, जो AY2013-14 में 18% था।
उदाहरण के लिए, आय के मामले में, 10-15 लाख रुपये कमाने वाले लोग 12% से अधिक की हिस्सेदारी के साथ दूसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता थे। इसके बाद 10 फीसदी योगदानकर्ता 25-50 लाख रुपये की सीमा में थे। इसके विपरीत, वित्त वर्ष 2013-14 में 2.5-3.5 लाख आय वर्ग 12.8% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर थे।
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SUMMARY
पिछले दशक में भारत में करोड़पति करदाताओं की संख्या में उल्लेखनीयवृद्धि देखी गई है, जो पाँच गुना बढ़कर 2.3 लाख हो गई है। 2013-14 में 44,078 करदाताओं से यह वृद्धि देश की बढ़ती आर्थिक समृद्धि को दर्शाती है। दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की कुल संख्या में भी वृद्धि हुई है, जो उच्च आय वालों के बीच आय पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव को उजागर करती है।
