भारत ने मोबाइल फोन सेक्टर में तेज़ी से बदलाव किया है। कभी इम्पोर्ट पर निर्भर रहने वाला यह मार्केट अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन एक्सपोर्टर बन चुका है। बता दें की 2024 में भारत ने 20.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट किए हैं। यह बड़ा बदलाव अब सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज (CDS) के एक नए अध्ययन का विषय बना है।

भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ती सफलता
दरअसल यह रिसर्च CDS के डायरेक्टर और आरबीआई के चेयर प्रोफेसर, सी. वीरमणि के नेतृत्व में की गई है। प्रो. वीरमणि के अनुसार, भारत की सफलता एशियाई देशों के रास्ते पर चल रही है। पहले प्रोडक्शन बढ़ता है, फिर क्वालिटी और वैल्यू में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि अब एक्सपोर्ट इस सेक्टर की ग्रोथ का मुख्य इंजन बन गया है। मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग एक सफल मॉडल है।
उन्होंने आगे बताया की अगर भारत इसी स्ट्रैटेजी को इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में अपनाए, तो वह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में लीडर बन सकता है।
डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग ने दी विकास को रफ्तार
इस स्टडी में यह भी देखा गया कि डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ लोकल सप्लायर और सर्विस प्रोवाइडर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस रिसर्च के मुख्य हाइलाइट्स हैं-
- 2022-23 में कुल DVA (डायरेक्ट + इनडायरेक्ट) प्रोडक्शन वैल्यू का 23% रहा (10 बिलियन डॉलर से अधिक)।
- डायरेक्ट DVA 1.2 बिलियन डॉलर (2016–19) से बढ़कर 4.6 बिलियन डॉलर (2019–23) हो गया ।
- डायरेक्ट DVA 470 मिलियन डॉलर से बढ़कर 3.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जो 604% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
बता दें की ये सभी रिकार्ड्स आंकड़े ASI सर्वे, वाणिज्य मंत्रालय और इंडस्ट्री इनपुट पर आधारित हैं।
रोज़गार और वेतन में जबरदस्त बढ़ोतरी
मोबाइल फोन सेक्टर की तेजी से भारत के रोजगार को नई दिशा मिल रही है। 2022-23 तक यह क्षेत्र 17 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर दे रहा है। इस सेक्टर में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की नौकरियां शामिल हैं। इस दौरान निर्यात से जुड़े रोजगार में 33 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। यह इंडस्ट्री की बढ़ती ताकत का संकेत है। मोबाइल फोन सेक्टर रोजगार और विकास दोनों में अहम भूमिका निभा रहा है।
अध्ययन में यह सामने आया है कि सैलरी में इज़ाफा हो रहा है। खासतौर पर उन क्षेत्रों में जो एक्सपोर्ट से जुड़े हैं। इन नौकरियों में इनकम पहले की तुलना में बेहतर हुई है। इसका सीधा मतलब है कि एक्सपोर्ट बढ़ने से लोगों को न सिर्फ बेहतर वेतन मिल रहा है, बल्कि नई जॉब्स के अवसर भी खुल रहे हैं।
भविष्य के लिए बड़ी उम्मीदें
बताते चलें की यह CDS रिपोर्ट भविष्य की दिशा भी दिखाती है। साथ ही, पॉलिसी से जुड़े कुछ जरूरी सुझाव भी दिए गए हैं, जैसे—
- भारत को ऐसे प्लान पर काम करना चाहिए जो विदेशी बाज़ारों पर ध्यान दे।
- ऐसे टैक्स और व्यापार नियम हटाए जाएं जो प्रतिस्पर्धा में रुकावट डालते हैं।
- उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे पहले बड़े पैमाने पर काम करना जरूरी है। उसके बाद ही लोकलाइजेशन की प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहिए।
- लॉजिस्टिक्स स्ट्रक्चर मजबूत किया जाए।
- विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जाए।
- मैन्युफैक्चरिंग के लिए मज़बूत सपोर्ट सिस्टम तैयार किया जाए।
बताते चलें की यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत की उत्पादन क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाना जरूरी है। केवल बचाव की नीतियों से काम नहीं चलेगा।
Summary
भारत ने मोबाइल फोन निर्माण में तेजी से प्रगति की है और अब वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्यातक बन चुका है। 2024 में भारत ने 20.5 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात किए। सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज (CDS) की रिपोर्ट के मुताबिक, डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ने से रोजगार और वेतन में भी सुधार हुआ है। रिपोर्ट भविष्य में बड़े पैमाने पर उत्पादन और बेहतर पॉलिसी की जरूरत पर जोर देती है।
