भारत में इंटरनेट सुविधा को लेकर हाल ही में एक नई शुरुआत हुई है। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक को देश में काम करने की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है। सरकार ने कंपनी को इसके लिए लाइसेंस भी जारी कर दिया है। यह डिजिटल कनेक्टिविटी को मज़बूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस फैसले को ‘कनेक्टिविटी का अगला कदम’ (next frontier of connectivity) बताया। यह बयान उन्होंने SpaceX की अध्यक्ष ग्वेने शॉटवेल से मुलाकात के बाद दिया।

Starlink से दूर-दराज़ पहुंचेगा तेज़ इंटरनेट
बता दें कि स्टारलिंक, स्पेसएक्स की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा है। यह धरती से लगभग 550 किलोमीटर ऊपर सैटेलाइट के ज़रिए काम करती है। इन्हें लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट कहा जाता है। स्टारलिंक तेज़ और कम रुकावट वाली इंटरनेट स्पीड देती है। पारंपरिक सैटेलाइट इंटरनेट की तुलना में यह काफी तेज और भरोसेमंद विकल्प है।
यह खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जहां नेटवर्क की पहुंच कमजोर है।
स्टारलिंक के साथ जियो और एयरटेल की नई पार्टनरशिप
मार्च 2025 में भारत की दो प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां, जियो और एयरटेल ने SpaceX के साथ साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी के तहत, स्टारलिंक के हार्डवेयर अब जियो और एयरटेल के रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, जियो इंस्टॉलेशन, एक्टिवेशन और कस्टमर सपोर्ट जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगा।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य है, इंटरनेट की पहुंच को दूर-दराज़ के इलाकों तक बढ़ाना। इसमें खासतौर पर स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और छोटे व्यवसायों को जोड़ा जाएगा। ताकि डिजिटल डिवाइड को कम किया जा सके।
सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पर विवाद से बढ़ी चुनौती
भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन इसके बावजूद एक नई चुनौती सामने आई है। कुछ समय पहले एलन मस्क और मुकेश अंबानी के बीच तनाव की खबरें सामने आई हैं। इस विवाद का कारण सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन को माना जा रहा है।
दरअसल एलन मस्क का मानना है कि सरकार को यह स्पेक्ट्रम प्रशासनिक रूप से आवंटित करना चाहिए। वहीं, मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी जियो का मानना है कि यह ऑक्शन के जरिए होना चाहिए।
ऐसे में यह विवाद भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की कीमत और इसकी उपलब्धता को प्रभावित कर सकता है।
नए डिजिटल भारत के लिए तैयारियां शुरू
भारत ने डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। जियो और एयरटेल की यह साझेदारी टेलीकॉम क्षेत्र में एक नई शुरुआत को दर्शाती है, साथ ही भारत के डिजिटल भविष्य की नींव रख रही है।
दोनों ही कंपनी इस कदम से काफी खुश हैं। जहां जियो के CEO मैथ्यू ओमन ने इसे ‘परिवर्तनकारी कदम’ (transformative step) कहा। वहीं, एयरटेल के गोपाल विट्टल ने इसे ‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ बताया है।
भारत में स्टारलिंक का यह कदम, डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।
Summary
एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की मंजूरी मिल गई है। यह कदम डिजिटल कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। जियो और एयरटेल ने SpaceX के साथ साझेदारी की है। अब दूर-दराज़ इलाकों में तेज़ इंटरनेट पहुंच सकेगा। यह ग्रामीण भारत में इंटरनेट सेवा की नई उपलब्धि हो सकती है।
