भारत सरकार हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और अधिक मॉडर्न बनाने के लिए 92,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रही है। देश के एवीएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने हाल ही में इससे जुड़ी घोषणा की है। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य देश भर में हवाई यात्रा सुविधाओं में सुधार करना, कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

भारतीय हवाई अड्डों का विकास
नागरिक विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले साल भारत में कम से कम 200 हवाई अड्डे होंगे। इसके अलावा, आने वाले 20 से 25 वर्षों में 200 अतिरिक्त हवाई अड्डों के विकसित होने की उम्मीद है। फ्रेंच एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (GIFAS) के एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि हम 2025 तक 200 परिचालन हवाई अड्डों की ओरअग्रसर हैं। इसके साथ ही, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों से लेकर हमारे मौजूदा मेट्रो हब में प्रमुख आधुनिकीकरण परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है।
इसके अतिरिक्त, नायडू ने कहा कि एयरलाइन ने इस साल अपनी क्षमता में लगभग 9 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में 240 मिलियन सीटें बढ़ी हैं।
विमान इंजन से जुड़ी समस्याओं पर जताई चिंता
इंडिगो, एयर इंडिया और अकासा के पास वर्तमान में एयरबस से लगभग 1,700 विमानों की ऑर्डर बुक है, और कंसल्टेंसी बोइंग एविएशन CAPA ने कहा कि यह आंकड़ा मार्च 2025 तक बढ़कर 2,000 हो जाएगा। नायडू ने यह भी कहा कि सरकार प्रभावित इंजनों की MRO ((मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवरहाल) प्रोसेस में तेजी लाने लाने के लिए इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी (PW) के साथ बातचीत कर रही है।
उन्होंने बताया कि भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ग्राउंडेड विमानों को जल्द शुरू करना महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि एयरलाइन टिकट की कीमतें भी अधिक किफायती हो जाएगी। इंडिगो ने पीडब्ल्यू इंजन की विफलता के कारण 70 से अधिक विमानों को खड़ा कर दिया है। वही Go First ने पिछले साल अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माता के इंजनों के साथ समस्याओं के कारण बैंक्रप्सी के लिए आवेदन किया था। यह इंजन एयरबस A320neo विमानों को ऊर्जा देते हैं।
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SUMMARY
भारत अपने हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे को विकसित करने और आधुनिक बनाने के लिए 92,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बना रहा है, जैसा कि विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य हवाई यात्रा सुविधाओं को बढ़ाना है, जिसका लक्ष्य अगले साल तक कम से कम 200 परिचालन हवाई अड्डे और अगले 20 से 25 वर्षों में 200 अतिरिक्त हवाई अड्डे स्थापित करना है। इससे न केवल कनेक्टिविटी में विस्तार होगा बल्कि आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
