सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने हाल ही में एक अहम सर्कुलर जारी किया हैं। इसमें असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सैलरीड और नॉन-ऑडिट मामलों के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। अब, टैक्सपेयर्स को 15 सितंबर, 2025 तक अपना ITR फाइल करने का मौका मिलेगा। बता दें की पहले यह तारीख 31 जुलाई थी, यानी अब टैक्स पयेर्स 45 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा।

आइए जानें इस फैसले के पीछे क्या कारण हैं।
ITR फाइलिंग में देरी के क्या कारण है?
सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। आयकर रिटर्न फाइलिंग में देरी की कुछ प्रमुख वजहें सामने आई हैं। जैसे-
- सबसे पहले, नया ITR फॉर्म पोर्टल पर उपलब्ध नहीं था।
- दूसरी वजह यह है कि TDS की डिटेल्स फॉर्म 26AS और AIS में समय से अपडेट नहीं हुईं।
- तकनीकी समस्याएं टैक्स रिटर्न फाइल करने में रुकावट डाल रही थीं। ऐसे में अब डेडलाइन बढ़ने के चलते टैक्स पेयर्स को बिना किसी परेशानी के रिटर्न फाइल करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स पर कोई छूट नहीं
बता दें की फिलहाल सेल्फ असेसमेंट टैक्स पर अब कोई छूट नहीं दी जाएगी। रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ाई गई है, लेकिन टैक्स भुगतान की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2025 ही रहेगी। इस तारीख तक टैक्स जमा न कराने पर सेक्शन 234A के तहत इंटरेस्ट लग सकता है। इसका मतलब है, आपका टैक्स बोझ बढ़ सकता है। यह खासकर उन लोगों के लिए ज़रूरी है, जिन पर TDS के अलावा और भी टैक्स बकाया है।
अब रिफंड पर मिलेगा अतिरिक्त बोनस
रिफंड में देरी की वजह से कुछ टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त ब्याज का फायदा मिल सकता है। यह ब्याज रिटर्न फाइल करने की बढ़ी हुई तारीख से प्रभावित नहीं होता। इसका मतलब है कि रिफंड पर मिलने वाला ब्याज लगभग 33% तक ज्यादा हो सकता है। यह करदाताओं के लिए एक छोटी सी राहत है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि रिफंड पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल होता है, इसलिए इसे ITR में दिखाना जरूरी है।
रिटर्न फाइलिंग की जरूरी डेडलाइन और पेनल्टी
बताते चलें कि 15 सितंबर की डेडलाइन मिस करने पर जुर्माना लगेगा। यदि आपकी आय 5 लाख रुपये से अधिक है तो जुर्माना 5,000 रुपये होगा। कम आय वाले टैक्सपेयर्स को 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना सेक्शन 234F के तहत लगाया जाता है। इसके बाद भी रिटर्न फाइल करने का मौका है। इस बीच, लेट या रिवाइज्ड ITR की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2025 है।
साथ ही, 31 मार्च, 2030 तक अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) जमा करने की सुविधा भी है। इसलिए, समय पर रिटर्न फाइल करें और अतिरिक्त पेनल्टी से बचें।
जल्दी रिटर्न फाइल करना क्यों है जरूरी?
भले ही टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख आगे बढ़ा दी गई हो, लेकिन एक्सपर्ट्स भी सैलरीड टैक्सपेयर्स को जल्द रिटर्न फाइल करने की सलाह दे रहे हैं।आखिरी वक्त तक इंतजार करने से कई तरह की दिक्कतें सामने आ सकती हैं। ई-फाइलिंग पोर्टल पर सर्वर स्लो या क्रैश हो सकता है। TDS या AIS डेटा में गलतियां आने की आशंका भी रहती है। अगर टैक्स भुगतान समय पर नहीं हुआ, तो ब्याज भी चुकाना पड़ सकता है।
देखा जाए तो जल्दी ITR फाइल करने से न सिर्फ मन की शांति मिलती है, बल्कि रिफंड भी जल्दी प्रोसेस होता है। इसलिए, देरी न करें और समय से पहले अपना रिटर्न फाइल करें।
Summary
CBDT ने असेसमेंट वर्ष 2025–26 के लिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी है। यह फैसला पोर्टल की तकनीकी समस्याओं, नए ITR फॉर्म के देर से जारी होने और TDS व AIS डेटा में देरी को देखते हुए लिया गया है। हालांकि, सेल्फ असेसमेंट टैक्स की आखिरी तारीख अब भी 31 जुलाई, 2025 ही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, समय पर रिटर्न फाइल करना बेहतर होगा।
