1 अप्रैल से आयकर विभाग की Facebook-Instagram पर नजर, टैक्सपेयर्स के लिए क्या बदलेगा?


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Dec 23, 2025


डिजिटल प्राइवेसी और टैक्स नियमों को लेकर केंद्र सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। 1 अप्रैल 2026 से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कुछ खास परिस्थितियों में टैक्सपेयर्स के सोशल मीडिया अकाउंट, पर्सनल ईमेल और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म को एक्सेस करने का अधिकार मिलेगा। सरकार के अनुसार,  इसका उद्देश्य इन्वेस्टीगेशन सिस्टम को आधुनिक बनाना है। साथ ही भविष्य में टैक्स चोरी से भी निपटना है।

नए नियमों के तहत ये होंगे बदलाव

बता दे कि नए नियमों के तहत डिजिटल जांच और भी सख्त होने वाली है।अगर टैक्स चोरी का शक हुआ, तो इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ाया जाएगा। गोपनीय आय भी अब जांच के दायरे में आएगी। हिडन असेट पर भी कार्रवाई संभव है। इस जांच के तहत, टैक्स अधिकारी डिजिटल अकाउंट देख सकेंगे। 

इसमें सोशल मीडिया अकाउंट और पर्सनल ईमेल भी शामिल होंगे। ऑनलाइन निवेश से जुड़े रिकॉर्ड की भी पड़ताल की जा सकेगी। सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म जहां जानकारी सेव रहती है, अब जांच के दायरे में आएंगे।

डिजिटल जांच का अधिकार

पहले, टैक्स अधिकारी सिर्फ़ डॉक्युमेंट्स, प्रॉपर्टी या लॉकर जैसी चीज़ें ही चेक कर सकते थे। लेकिन अब नियम बदल गए हैं। इसका मतलब है कि अब ऑनलाइन होने वाली फाइनेंशियल एक्टिविटी और रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी। ऐसे में अब टैक्स अधिकारी डिजिटल अकाउंट्स को भी ऑनलाइन ट्रैक कर पाएंगे।

सरकार क्यों कर रही है ये बदलाव?

इस मामले पर अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहा है। फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, एसेट होल्डिंग, कम्युनिकेशन और निवेश अब ज्यादातर ऑनलाइन हो रहे हैं। इस वजह से टैक्स चोरी पकड़ने के पुराने तरीके अब पर्याप्त नहीं रहे। सरकार का तर्क है कि टैक्स निगरानी के लिए नए टूल्स ज़रूरी हैं। इसके अलावा, पुराने तरीकों को भी बदलना होगा।

बिना वजह नहीं होगी कोई डिजिटल ट्रैकिंग

यह नियम जितना सख्त लगता है, इसका दायरा उतना ही सीमित रहेगा। बता दे कि यह नियम हर टैक्सपेयर पर लागू नहीं होगा। नई पावर का इस्तेमाल केवल तब होगा, जब टैक्स चोरी या छिपी हुई इनकम का ठोस शक हो। बिना वजह किसी भी एक्सेसिबिलिटी की अनुमति नहीं होगी। कानून का उद्देश्य बिना वजह एक्सेस देना नहीं है।

एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि यह नियम सभी टैक्सपेयर्स की डिजिटल एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए नहीं है। यह सिर्फ किसी स्पेसिफिक इन्वेस्टीगेशन में मदद करेगा।

टैक्स नियम पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस घोषणा को लेकर प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोग इसे डिजिटल टैक्स चोरी रोकने का जरूरी कदम मान रहे हैं। वहीं, कई लोग प्राइवेसी को लेकर चिंतित हैं। वे जानना चाहते हैं कि एक्सेस की निगरानी कैसे होगी। इसके मिसयूज को रोकने के लिए क्या सुरक्षा उपाय होंगे। कई टैक्सपेयर्स इस पर नजर बनाए हुए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रोविज़न को लागू करते समय पब्लिक ओपिनियन को भी ध्यान में रखा जाएगा।

Summary:

केंद्र सरकार टैक्स जांच में बड़ा बदलाव करने जा रही है। 1 अप्रैल 2026 से अधिकारी सोशल मीडिया, पर्सनल ईमेल और ऑनलाइन निवेश रिकॉर्ड देख सकेंगे। इसका उद्देश्य टैक्स चोरी रोकना है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि ये एक टारगेटेड इन्वेस्टीगेशन है। आम लोगों की ऑनलाइन गतिविधियों पर इसका कोई असर नहीं होगा। इस नियम पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई।


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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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