2023 में IBM ने अपने HR विभाग में बड़ा बदलाव किया था। दरअसल कंपनी ने कॉस्ट कम करने और कामकाज को तेज़ बनाने के लिए AI प्लेटफॉर्म AskHR को अपनाया। इस पहल के तहत लगभग 8,000 HR कर्मचारियों की छंटनी की गई। AskHR को पेरोल, छुट्टियों की मंजूरी और डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस सिस्टम की मदद से HR से जुड़े काम अपने आप हो सकते थे।

IBM का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी 94% काम खुद कर सकती है। इसलिए अब इन कामों के लिए इंसानों की जरूरत कम हो जाएगी।
AI नहीं ले सकता इंसानी एम्पथी की जगह
बता दें की IBM ने अपने HR विभाग में AI के प्रयोग को बढ़ाया है। लेकिन धीरे-धीरे एक बात स्पष्ट हो गई कि AI की अपनी सीमाएं हैं। इस पैटर्न को फॉलो करने के बाद यह सामने आया की AI 94% काम तो कर सकता है। लेकिन बाकी 6% में वह यह असफल रहा।
AskHR जैसे टूल में इंसानी बातचीत जैसी समझ नहीं थी। इसमें एम्पथी और इमोशनल कनेक्ट की कमी साफ नजर आई। इसका असर एम्प्लॉयीज पर भी देखा गया। ऐसे में IBM को समझ में आया कि हर काम AI के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। खासकर वो काम, जहां इंसान की सोच और भावना जरूरी हो।
IBM में नई भर्ती और स्ट्रेटेजी में बदलाव
AI और ऑटोमेशन के बावजूद IBM में एम्प्लॉयीज की संख्या में कमी नहीं आई। कंपनी ने हटाए गए कर्मचारियों की जगह नई भर्तियां शुरू कीं। यह रिक्रूटमेंट खासकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सेल्स, मार्केटिंग और क्लाइंट रिलेशन जैसे क्षेत्रों में किया गया। इन रोल्स में क्रिएटिविटी, क्रिटिकल थिंकिंग और इंटरपर्सनल स्किल्स को प्राथमिकता दी गई।
IBM के CEO अरविंद कृष्णा ने कहा कि ऑटोमेशन का मकसद कॉस्ट कटिंग नहीं था। दरअसल रिसोर्सेज को वहां इन्वेस्ट किया गया, जहां ह्यूमन स्किल्स की जरूरत थी। कंपनी अब ऐसे कामों पर ध्यान दे रही है जहां मशीनें नहीं, इंसान ज़रूरी हैं।
टेक इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण सबक
देखा जाए तो, IBM का एक्सपीरियंस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा सबक है। जहां एक ओर ऑटोमेशन एफिशिएंसी को बढ़ाता है। वही दूसरी ओर यह इंसानी समझ की जगह नहीं ले सकता। डुओलिंगो जैसी कंपनियों ने भी यह ट्रेंड देखा है। एआई चैटबॉट पर निर्भरता के बाद भी उन्हें कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करना पड़ा। 2024 में AskHR ने 11.5 मिलियन से ज्यादा एम्प्लॉई इंटरैक्शन मैनेज किए। फिर भी, यह मानवीय सूझ-बूझ का विकल्प नहीं बन पाया।
यह साफ है कि मशीन कभी भी इंसानी समझ को पूरी तरह से रिप्लेस नहीं कर सकती।
एआई और ह्यूमन कोलैबोरेशन का भविष्य
IBM के इस निर्णय ने AI और ऑटोमेशन को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। AI रोजमर्रा में रिपीट किए जाने वाले कामों में असरदार है। लेकिन जब बात भावनाओं, रणनीति और जटिल फैसलों की आती है। वहां अभी भी मनुष्यों की आवश्यकता है। आज कई कंपनियां तेजी से AI को अपना रही हैं। लेकिन IBM का अनुभव हमें याद दिलाता है कि सिर्फ मशीनों के भरोसे नहीं चला जा सकता।
बेहतर रिजल्ट्स के लिए इंसानी सोच और AI का साथ जरूरी है। ऐसे में हाइब्रिड पैटर्न ही भविष्य के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
SUMMARY
2023 में IBM ने AI बेस्ड AskHR प्लेटफॉर्म का प्रयोग किया। इसके तहत 8,000 HR कर्मचारियों की छंटनी की गई। जिससे HR डिपार्टमेंट के कामकाज में तेजी आई। हालांकि, AI मॉडल केवल 94% ही सफल रहा है। इससे सर्विस क्वालिटी प्रभावित हुई। IBM ने फिर से क्रिएटिव रोल्स में नई भर्तियां शुरू की है। यह अनुभव बताता है कि बेहतर परिणामों के लिए इंसानी सोच और AI का साथ जरूरी है।
