हाल ही में अमरीकी मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी IBM ने बड़ा बदलाव किया हैं। दरअसल कंपनी ने अपने ह्यूमन रिसोर्स (IBM Replaces 200 HR Roles) डिपार्टमेंट में 200 पदों को AI एजेंट्स से रिप्लेस कर दिया है। यह बदलाव कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है। आईबीएम समेत कई कंपनियां अपने प्रशासनिक कामों को ऑटोमेट कर रही हैं। खासकर HR जैसे विभाग में जहां एक जैसा काम रिपीट करना पड़ता है। यहां AI का सबसे ज्यादा असर दिखा रहा है।

कुछ रिपोर्ट्स में इस बारे में बताया गया है। पता चलता है कि IBM ने अब तक 200 से ज़्यादा HR पदों को पूरी तरह ऑटोमेट कर दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये तो सिर्फ शुरुआत है। यह दिखाता है कि आने वाले समय में AI कॉरपोरेट वर्कफोर्स का अहम हिस्सा बनने वाला है।
AI का काम एफिशिएंसी बढ़ाना, टैलेंट कम करना नहीं
आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्ण ने साफ किया है कि यह बदलाव नौकरियां खत्म करने के लिए नहीं है। बल्कि इसका उद्देश्य वर्क एफिशिएंसी को बढ़ाना हैं। कंपनी चाहती है कि कर्मचारी अब अलग रोल में जाएं। जहां इंसानी सोच, फैसला लेने की क्षमता और क्लाइंट से बातचीत जैसे स्किल्स की ज़रूरत हो। भले ही HR पदों में कटौती हुई है, लेकिन IBM में कर्मचारियों की कुल संख्या बढ़ी है। खासकर प्रोग्रामिंग, मार्केटिंग और सेल्स जैसे डिपार्टमेंट में नई भर्तियां हुई हैं। इससे कंपनी का मोटिव स्पष्ट हैं। सामान्य काम AI संभाले और इंसान वो करें जो मशीनें नहीं कर सकती हैं।
IBM ने बताया इसके पीछे क्या कारण
IBM अब अपने HR सिस्टम को और स्मार्ट बना रहा है। कंपनी AI की मदद से ऐसे कामों को ऑटोमेट कर रही है जो रोज़ाना दोहराए जाते हैं। जैसे कि इंप्लॉय वेरिफिकेशन, इंटरनल ट्रांसफर और दूसरे बैकएंड टास्क। ये सभी काम नियमों पर आधारित होते हैं। AI इन्हें इंसानों से तेज़ और सटीक तरीके से कर सकता है। IBM के चीफ HR ऑफिसर निकेल लामोरॉक्स ने कहा कि AI इंसानों की जगह नहीं ले रहा है। बल्कि यह उनके काम को आसान बना रहा है। पूरा जॉब रोल खत्म नहीं होगा, सिर्फ उनमें मौजूद कुछ काम ऑटोमेट किए जाएंगे।
बैकएंड वाली नौकरियां खतरे में
IBM आने वाले सालोंमें बड़ा बदलाव देख रहा है। कंपनी ने अगले पांच साल का अनुमान लगाया हैं। इस अनुसार करीब 30% बैकएंड वाली नौकरियां ऑटोमेट हो सकती हैं। इसका मतलब है करीब 7,800 जॉब्स खतरे में हैं। हालांकि, यह नहीं कि हर नौकरी खत्म हो जाएगी। अधिकतर रोल्स में सिर्फ काम का तरीका बदलेगा। कर्मचारियों को AI टूल्स के साथ मिलकर काम करना सीखना होगा। अब AI को सिर्फ़ एक टूल नहीं, बल्कि एक नया सहयोगी माना जा रहा है।
तकनीक के साथ इंसानी टैलेंट को भी बढ़ावा दे रहा है IBM
AI के आने से जहां कुछ बैकएंड नौकरियां खत्म हो रही हैं। वहीं IBM नई तरह की भर्तियों पर जोर दे रहा है। कंपनी उन लोगों की तलाश में है जिनमें इंसानी स्किल्स हों। जैसे क्रिएटिविटी, सहानुभूति और रणनीतिक सोच। यह ऐसी स्किल्स है जो AI फिलहाल नहीं सीख सकता। ऐसे में IBM का नजरिया साफ है, दोनों के बीच बैलेंस बनाए रखना। जहां जरूरत है वहां AI अपनाना और जहां इंसानी टच ज़रूरी है, वहां टैलेंट को मौका देना। यह तरीका कंपनी को तकनीक और इंसानियत के बीच बेहतर संतुलन की ओर ले जा रहा है।
