हैदराबाद में अब नाइटलाइफ़ को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। आने वाले समय में शहर अब खुद को एक 24×7 नाइटलाइफ़ हब बनाने की तैयारी में है। कुछ अधिकारियों के अनुसार, अगले सात सालों में मेट्रो और तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) बसें रात 2 बजे तक चलेंगी। इसके पीछे सरकार का फोकस देर रात बाहर निकलने वालों को सुरक्षित और भरोसेमंद ट्रांसपोर्ट सुविधा देना है।

इस प्रोजेक्ट के तहत कुछ चुनिंदा इलाकों को स्पेशल नाइट ज़ोन बनाया जाएगा। इन ज़ोन में अलग से प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम होंगे।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रही है नाइटलाइफ़
बता दें की फिलहाल शहर की नाइट इकोनॉमी तेज़ी से बढ़ रही है। 2025 में इसका अनुमानित मूल्य ₹8,500 करोड़ है। इसमें वे सभी बिजनेस शामिल हैं, जो शाम 6 से सुबह 6 तक एक्टिव रहते हैं। वहीं साल 2031 तक इसके ₹26,011 करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि नाइटलाइफ़ इकोनॉमी हर साल 20.4% तेजी से ग्रो करेगी। ऐसे में हज़ारों नई नौकरियों के अवसर बनेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, एंटरटेनमेंट, ट्रांसपोर्ट और पब्लिक सर्विस में 2.1 से 2.4 लाख नौकरियां मिल सकती हैं।
दूसरे शहरों से प्रेरणा ले रहा है हैदराबाद
देखा जाए तो दुनिया भर के बड़े शहर नाइट टाइम इकोनॉमी (NTE) से तरक्की कर रहे हैं। लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन जैसे शहरों ने इस मॉडल को अपनाया है और वह इससे काफी भी उठा रहे है। भारत में फिलहाल मुंबई इस सेगमेंट में तेजी से आगे बढ़ा है। पिछले 5 सालों में वहां NTE में 22% की ग्रोथ दर्ज हुई है। इससे 7 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। ऐसे में अब दराबाद सरकार का भी लक्ष्य है कि 2031 तक नाइट टाइम इकोनॉमी (NTE) तेलंगाना की GSDP में 2.9% से 3.1% तक योगदान दें सके।
सुरक्षा और समावेशिता पर फोकस
हैदराबाद की नाइटलाइफ़ स्ट्रेटेजी में सुरक्षा को सबसे अहम माना गया है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य सचिव जयेश रंजन ने कहा कि रात के समय स्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, स्मार्ट पॉलिसी और बेहतर पुलिस व्यवस्था लागू होगी। गाचीबोवली, जुबली हिल्स, माधापुर, टैंक बंड और चारमीनार को मुख्य नाइटलाइफ़ जोन के रूप में चुना गया है। जब यह सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा, तो इन क्षेत्रों में बिजनेस करने के लिए नाइटलाइफ़ परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
बेहतर ट्रांसपोर्ट और मज़बूत इंफ्रास्ट्रक्चर
हैदराबाद की नाइट टाइम इकोनॉमी (NTE) का फोकस शहर की कनेक्टिविटी में भी सुधार करना है। इस विजन के तहत, मेट्रो और TSRTC सेवाएं देर रात तक बढ़ाई जाएंगी। साथ ही, इन्हें उबर और ओला जैसी राइड-हेलिंग कंपनियों की सर्विस से भी इंटीग्रेट किया जाएगा। देर रात सफर करने वालों की सहूलियत के लिए खास जियो-टैग्ड पिकअप और ड्रॉप पॉइंट तय किए जाएंगे। इससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी।
कब तक लॉन्च होंगे ये नाइटलाइफ़ ज़ोन (NTE)?
हैदराबाद में नाइटलाइफ़ ज़ोन का एग्जीक्यूशन धीरे-धीरे किया जाएगा। आने वाले 12 महीनों में इसके शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। पहला फेज चारमीनार, गाचीबोवली और माधापुर में लागू होगा। यहां वीकेंड पर नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज के पायलट प्रोजेक्ट चलाए जाएंगे। इसके बाद जुबली हिल्स और हाईटेक सिटी में ड्रिंक्स सर्व की अनुमति दी जाएगी।
इस प्रोजेक्ट के लास्ट फेज में सप्ताह के सभी दिनों में नाइटलाइफ़ एक्टिविटीज उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी जल्द ही इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी जानकारी साझा कर सकते हैं।
Summary:
हैदराबाद 24×7 नाइटलाइफ़ हब बनने की तैयारी में है। अगले साल तक मेट्रो और TSRTC बसें रात 2 बजे तक चलेंगी। ऐसे में देर रात बाहर निकलने वालों को सुरक्षित ट्रांसपोर्ट मिलेगा। नाइटलाइफ़ ज़ोन में खास सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। नाइट इकोनॉमी 2025 में ₹8,500 करोड़ और 2031 तक ₹26,011 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी जल्द इस प्रोजेक्ट की घोषणा कर सकते हैं।
