भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत दो हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की योजना घोषणा की गई है। इन कॉरिडोरों के जरिए हैदराबाद को बेंगलुरु और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ा जाएगा। ऐसे में यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि इन शहरों के बीच आर्थिक और सामाजिक संपर्क को भी बढ़ावा देगा।
आइए रेलवे के आगामी प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ अहम जानकारियों पर एक नजर डालते हैं-

क्या है ये हाई-स्पीड रेलवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट?
भारतीय रेलवे ने हैदराबाद को बेंगलुरु और चेन्नई से जोड़ने के लिए हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट तैयार किया है। जिससे यात्रा का समय घटकर सिर्फ़ दो घंटे रह जाएगा। यह कदम खासतौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये ट्रेनें 320 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ रफ़्तार से दौड़ेंगी, जिससे यात्रा का समय लगभग 10 घंटे कम हो जाएगा।
हैदराबाद और चेन्नई के बीच की दूरी की बात करें तो यह रूट 705 किलोमीटर लंबा होगा। वही दूसरी ओर हैदराबाद और बेंगलुरु के बीच की दूरी 626 किलोमीटर होगी। फिलहाल, इन शहरों के बीच फ्लाइट में लगभग 1 घंटा 15 मिनट का समय लगता है। हालांकि, एयरपोर्ट सिक्योरिटी चेक और सिटी ट्रेवल के कारण यह समय बढकर 2-3 घंटे हो जाता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की हाई-स्पीड ट्रेनें एक सुविधाजनक विकल्प साबित हो सकती हैं।
33 करोड़ रुपये का हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट
बता दें की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, यह हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर यात्रियों को बेंगलुरु तक लगभग दो घंटे और चेन्नई तक दो घंटे 20 मिनट में पहुंचने में मदद करेगा। RITES लिमिटेड इस समय इन रेल कॉरिडोरों के लिए एक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें सर्वे, डिज़ाइन और कॉस्ट एस्टीमेट शामिल है। इस प्रोजेक्ट का बजट लगभग 33 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।
यह ट्रेनें खासतौर पर उन पटरियों पर चलाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जो मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की तरह होंगी। ये पटरियां 350 किमी/घंटा की रफ्तार के लिए बनाई जाएंगी, हालांकि शुरुआत में ट्रेनें 320 किमी/घंटा की गति से दौड़ेंगी। बताते चलें की इस पूरी प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब 15 साल का समय लग सकता है।
RITES Limited ने जारी किए टेंडर
इससे प्रोजेक्ट के चलते सरकारी कंसल्टेंसी फर्म RITES Limited ने टेंडर भी जारी की हैं, ताकि वह अंतिम सर्वे को पूरा सके। दरअसल इस सर्वे में, वे एक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करेंगे, रूट डिज़ाइन, कुल लागत समेत पैसेंजर ट्रैफिक का अनुमान भी लगाएंगे।
अब तक इस सर्वे और इवैल्यूएशन की अनुमानित लागत 33 करोड़ रुपये है। दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “सर्वे और मूल्यांकन चरण के लिए 33 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च है।”
वही ट्रेडिशनल रेलवे ट्रैक से अलग, इन कॉरिडोर को खास तौर पर हाई-स्पीड रेल सेवाओं के लिए बनाया जाएगा। इसका डिज़ाइन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर के डिज़ाइन जैसा होगा, जो पूरी तरह बुलेट ट्रेन के लिए तैयार किया गया है।
____________________________________________________________
SUMMARY
भारत सरकार ने हैदराबाद को बेंगलुरु और चेन्नई से जोड़ने के लिए दो हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की योजना बनाई है, जिससे यात्रा का समय घटकर सिर्फ दो घंटे रह जाएगा। ये ट्रेनें 320 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। इस प्रोजेक्ट का बजट लगभग 33 करोड़ रुपये है, जिसे पूरा होने में लगभग 15 साल का समय लग सकता है। RITES लिमिटेड इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल काम कर रहा है।
