भारत में हल्दीराम एक ऐसा नाम है, जो किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं. अपनी ‘ आलू भुजिया’ के लिए मशहूर हल्दीराम ने घर-घर तक अपने स्वाद से सभी के दिलों में एक अलग जगह बनाई हैं। लेकिन फेमस हल्दीराम अब बिकने जा रहा है। दरअसल, दुनिया का सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्म, Blackstone Inc भारतीय फास्ट फूड चेन हल्दीराम (Haldiram’s) के लिए अपनी बिड को बढ़ा दिया हैं। ऐसे में इस डील से प्राइवेट इक्विटी फर्म के लिए भारत स्नैक्स इंडस्ट्री में जगह बनाना उतना मुश्किल नहीं होगा।

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, इन्वेस्टर्स के एक ग्रुप के तौर पर बायआउट फंड हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए करीब 40,000 करोड़ रुपये की बोली लगा सकता है। हल्दीराम की यह डील लगभग 70,000 करोड़ रुपये से 78,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इस डील के साथ निजी इक्विटी फर्म को हल्दीराम के बिजनेस का स्थायी लाइसेंस मिल जाएगा, जिससे वह प्रोडक्ट बिजनेस पर भी कंट्रोल कर सकेंगे।
जल्द क्लोज हो सकती है Deal
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा की इन मुद्दों पर डील और वैल्यूएशन पर दबाव बढ़ रहा था और अब डील क्लोज होने की कगार पर है। ऐसे में बिक्री की शर्तों के तहत, हल्दीराम परिवार हल्दीराम ब्रांड के उपयोग के लिए नए मालिकों से वार्षिक रॉयल्टी प्राप्त करने का हकदार है।
ब्लैकस्टोन की ओर से EY हल्दीराम पर उचित जांच-पड़ताल कर रहा है। इस कंसोर्टियम में सिंगापुर की GIC और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी शामिल हैं। ब्लैकस्टोन के पास इसके अधिकांश शेयर होंगे।
पहले भी रखा गया था प्रस्ताव
ब्लैकस्टोन के प्रवक्ता ने कहा कि बायआउट फर्म ने कि उन्होंने मई 2024 में पहली बार इसका प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद उन्होंने हल्दीराम के लिए दोबारा बोली नहीं लगाई। बाद में मूल्यांकन को लेकर असहमति के कारण चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी”।
हालांकि, हल्दीराम के CEO कृष्ण कुमार चुटानी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से साफ़ इनकार कर दिया हैं। इससे पहले, मनीकंट्रोल और इकोनॉमिक की रिपोर्टों में दावा किया गया था कि ब्लैकस्टोन हल्दीराम से बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने को लेकर चर्चा कर रहा था और ब्लैकस्टोन स्नैक निर्माता में 76% हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।
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SUMMARY
ब्लैकस्टोन, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और सिंगापुर की GIC के साथ मिलकर हल्दीराम में बहुमत हिस्सेदारी के लिए 40,000 करोड़ तक की बोली लगाने पर विचार कर रहा है। इस डील से प्रतिष्ठित भारत के पसंदीदा स्नैक ब्रांड का मूल्य लगभग 70,500 करोड़ रुपये हो सकता है, जो भारत में अब तक के सबसे बड़े निजी इक्विटी बायआउट में से एक है।
