ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद H1B Visa Registration में 38% की गिरावट!


Mohul Ghosh

Mohul Ghosh

Mar 09, 2025


अमेरिकी सरकार ने विदेशी टैलेंट को काम पर रखने में इक्विटी, ओपननेस और एफिशिएन्सी सुनिश्चित करने के लिए H-1B वीजा चयन प्रक्रिया को फिर से डिज़ाइन किया है और कड़े नियम लागू किए हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, हालांकि, इन संशोधनों के परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में H-1B वीजा रजिस्ट्रेशन में 38% की गिरावट देखी गई हैं। जिसके चलते इस सिस्टम  पर  एक बार फिरसे सवाल उठने लगे हैं।

ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद H1B Visa Registration में 38% की गिरावट!

 आइए, इन आकड़ों पर एक नजर डालते हैं और समझते हैं कि इसके पीछे क्या प्रमुख कारण हो सकते हैं।

नए H-1B पंजीकरणों में 38% की गिरावट

आपको बता दें की पहले, कुछ एम्प्लॉयर एक ही कैंडिडेट को कई बार रजिस्टर कर सकते थे, जिससे उसकी सेलेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती थी। हालांकि अब नए नियमों के तहत, एक कैंडिडेट को केवल एक बार पंजीकृत किया जा सकता है, चाहे फिर एम्प्लॉयर कितना भी उसका समर्थन करें। इन बदलावों का उद्देश्य गलत तरीके से हो रहे रजिस्ट्रेशन को रोकना और सभी आवेदकों को समान मौके देना है, जैसा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने बताया है।

USCIS ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 479,953 रजिस्ट्रेशन की सूचना दी है, जो 2024 में दर्ज हुए 758,994 पंजीकरणों से कम हैं। इनमें से 470,342 को योग्य पाया गया है। वही 2025 में 442,000 यूनिक एप्लिकेंट थे, जो 2024 के 446,000 से थोड़ा कम हैं।नए नियमों के असर से प्रति आवेदक पंजीकरण की औसत संख्या 1.70 से घटकर 1.06 हो गई है।

भारतीयों ने H-1B वीजा में 72.3%  प्राप्त किया 

बताते चलें की साल 2023 में कुल 386,000 H-1B वीजा में से 72.3% भारतीय आवेदकों को मिले, जिससे भारत इस वीजा का प्रमुख प्राप्तकर्ता बना हुआ है। भारतीय टेक प्रोफेशनल के लिए, यह वीजा US लेबर मार्केट में प्रवेश पाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

वही यह वीजा स्किल्ड वर्कर्स  के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि यह पहले तीन साल के लिए वैलिड होता है और इसे छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, आवेदकों को USCIS को $10 पंजीकरण शुल्क देना होता है, साथ ही कांसुलर अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने जैसी अतिरिक्त प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है।

हालांकि आवेदक भारत के किसी भी वीज़ा सेंटर पर अपने डॉक्युमेंट्स जमा कर सकते हैं, लेकिन चेन्नई में US कांसुलेट H-1B वीजा के लिए सभी ड्रॉपबॉक्स सबमिशन को संभालता है। नए नियमों का उद्देश्य अपॉइंटमेंट की जटिलताओं को कम करना और H-1B वीजा होल्डर्स के रेंनोवशन को सरल बनाना है। हालांकि, रजिस्ट्रेशन में गिरावट के कारण एम्प्लॉयर और आवेदकों के बीच चिंताएं बनी हुई हैं।

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                                          SUMMARY

अमेरिकी सरकार ने H-1B वीजा चयन प्रक्रिया को फिर से डिज़ाइन किया और कड़े नियम लागू किए हैं, जिससे पंजीकरण में 38% की गिरावट आई है। नए नियमों के तहत, एक उम्मीदवार केवल एक बार पंजीकृत किया जा सकता है, जिससे गलत तरीके से पंजीकरण की संभावना कम हुई है। भारतीयों ने 2023 में 72.3% H-1B वीजा प्राप्त किए, जबकि नए नियमों से प्रक्रिया में सरलता और समान अवसर प्रदान किए गए हैं।


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