जब बात अमेरिका में नौकरी की आती है, तो H-1B वीजा प्रोग्राम भारतीयों के लिए खास भूमिका निभाता है। खासतौर पर टेक सेक्टर में काम करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए यह विशेष महत्व रखता हैं।अधिकांश भारतीय इसी वीज़ा पर अमेरिका आते हैं और हाई स्किल वाली जॉब करते हैं। ब्लूमबर्ग लॉ की रिपोर्ट में कहा गया है कि H-1B वीजा कार्यक्रम में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल व्हाइट हाउस का ऑफिस ऑफ इंफॉर्मेशन एंड रेगुलेटरी अफेयर्स (OIRA) वर्तमान में इन बदलावों पर गहन समीक्षा कर रहा है।

आपको बता दें, राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को पद संभालने जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि वे पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन की तुलना में अमेरिका में इमीग्रेशन पॉलिसी को सख्त करेंगे। पिछले साल,US सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़ (USCIS) ने विशेष बिजनेस वीजा के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बदलाव का प्रस्ताव किया था, जिसमें टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले फॉरेन प्रोफेशनल्स के लिए डिग्री आवश्यकताओं को संशोधित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को OIRA ने इस बदलाव से जुड़ा अंतिम नियम (1615-AC70) प्राप्त किया।
H-1B वीजा के लॉटरी प्रक्रिया में हुए थे बदलाव
बताते चलें की पहले जारी किए गए वीजा संबंधित प्रस्तावित नियमों के तहत, H-1B वीजा के लिए वार्षिक लॉटरी प्रक्रिया में बदलाव किया गया है, जिससे हर आवेदक को चयन प्रक्रिया में समान अवसर मिल सके। यह बदलाव वित्तीय वर्ष 2025 की वीजा लॉटरी से पहले जनवरी में अंतिम रूप में लागू किया गया था।
H-1B वीजा प्रोग्राम के तहत, हर साल 85,000 वीजा जारी किए जाते हैं, जिनमें से 20,000 वीजा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए आरक्षित होते हैं, जिन्होंने अमेरिका में हायर एजुकेशन प्राप्त की है, या फिर कोई डिग्री हासिल की है।
H-1B वीजा में सुधार से राहत की उम्मीद
हाल ही में जारी किए गए ड्राफ्ट नियमों में H-1B वीजा प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव किया गया है, जो वीजा आवेदकों के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं। सबसे पहले, कैप-एग्जेम्प्ट वीजा के लिए पात्रता मानदंड को स्पष्ट किया गया है, जिससे यह जानना आसान होगा कि कौन से आवेदक इस श्रेणी में आते हैं।
इसके साथ ही, वीजा एक्सटेंशन के मामले में भी एक नई गाइडलाइन्स प्रस्तुत की गई है। अब, एजेंसी के पूर्व में किए गए निर्णयों को महत्व देने की पॉलिसी अपनाई जाएगी, जिसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति को पहले एक समान मामले में वीजा एक्सटेंशन मिल चुका है, तो नए मामलों में भी उसे उसी तरह का एक्सटेंशन मिलने की संभावना है। इस बदलाव से प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सुगम हो जाएगी, जिससे आवेदकों को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि, इन बदलावों की अंतिम तिथि या लागू होने का समय अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है।
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SUMMARY
H-1B वीजा प्रोग्राम में प्रस्तावित बदलावों से भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में काम करने के अवसरों में सुधार की उम्मीद है। व्हाइट हाउस द्वारा इन बदलावों की समीक्षा की जा रही है, जिसमें लॉटरी प्रक्रिया और वीजा एक्सटेंशन के नियमों को और अधिक सुलभ बनाने का प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, बदलावों के लागू होने की तिथि अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इनसे वीजा प्रक्रिया को और सरल और समान बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
