अमेरिका में मौजूद इमीग्रेशन अटॉर्नी इस समय H-1B वीजा होल्डर्स, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और ग्रीन कार्ड धारकों सहित भारतीय नागरिकों को विदेश यात्रा से बचने की सख्त चेतावनी दे रहे हैं। इस समय वीजा स्टैम्पिंग में देरी, कड़ी सुरक्षा जांच और हिरासत में लेने की संभावना जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। ‘

इस स्थिति को देखते हुए, वकील यात्रा से पहले एक अतिरिक्त योजना बनाने की सलाह दे रहे हैं। इसके साथ ही, ग्रीन कार्ड धारकों को अगर वे योग्य हैं, तो अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन करने का भी सुझाव दिया जा रहा है।
भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा पर अहम चेतावनी
इमीग्रेशन एक्सपर्ट्स वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अमेरिका में भारतीय नागरिकों को बढ़ती सुरक्षा जांच और वीज़ा प्रोसेसिंग में देरी के कारण अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर एक बार फिर से सोचने की सलाह दे रहे हैं। बता दें की फिलहाल भारत किसी भी यात्रा बैन लिस्ट में शामिल नहीं है, हालांकि वीज़ा पॉलिसी में लगातार हो रहे बदलाव ने यात्रा में रुकावटें पैदा कर सकती हैं।
सिएटल स्थित इमिग्रेशन अटॉर्नी कृपा उपाध्याय ने H-1B और F-1 वीज़ा होल्डर्स के लिए संभावित खतरों पर बात की है। उन्होंने बताया कि इन वीज़ा होल्डर्स को वीज़ा स्टैम्पिंग में देरी का सामना करना पड़ सकता है, या फिर उन्हें फिर से अमेरिका में प्रवेश से रोका जा सकता है। इतना ही नहीं, अब वीज़ा इंटरव्यू से छूट पाने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे, जैसे ड्रॉपबॉक्स ऑप्शन केवल उन्हीं को मिल रही है, जिन्होंने पिछले 12 महीनों में वीज़ा रिन्यू किया है।
नीतिगत बदलावों का क्या होगा असर?
अमेरिकी विदेश विभाग की बात करें तो उन्होंने इंटरव्यू छूट की एलिजिबिल्टी नियामों में बदलाव किए है, जिससे ड्रॉपबॉक्स सुविधा अब सीमित हो गई है। इस बीच जिनका वीज़ा एक साल से अधिक पुराना है, उन्हें अब पर्सनल इंटरव्यू देना होगा। जिससे आगे चल कर वीज़ा मिलने में ज्यादा समय लग सकता है। F-1 Visa से H-1B Visa पर जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को भी कुछ इसी तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
एनपीजेड लॉ ग्रुप की मैनेजिंग अटॉर्नी स्नेहल बत्रा ने बिना किसी स्पष्ट कारण के प्रशासनिक प्रक्रियाओं में बढ़ोतरी की बात की, जिससे अक्सर महीनों तक देरी होती है।
ग्रीन कार्ड धारकों के लिए बढ़ती चिंता
अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीय नागरिकों और ग्रीन कार्ड धारकों को इस समय कड़ी जांच का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब लोग अमेरिका लौटते हैं तो उन्हें कभी-कभी अतिरिक्त जांच या रात भर हिरासत में रखा जाता है। कुछ लोगों पर यह दबाव भी डाला जा रहा है कि वे अपने ग्रीन कार्ड को अपनी इच्छा से सरेंडर कर दें, खासकर उन बुजुर्ग भारतीयों पर जो बार-बार भारत और अमेरिका के बीच ट्रैवल करते हैं।
इस विषय पर बात करते हुए इमिग्रेशन डॉट कॉम के राजीव एस. खन्ना ने कहा कि सभी को यात्रा से पहले एक वैकल्पिक योजना बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो ग्रीन कार्ड धारक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करते हैं, उन्हें यात्रा से जुड़े जोखिमों से बचने के लिए अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहिए।
जोखिम कम करने के आवश्यक उपाय
- गैर-जरूरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचें।
- व्यक्तिगत मदद के लिए इमिग्रेशन वकील से सलाह लें।
- वीज़ा में देरी होने पर एक बैकअप प्लान तैयार रखें।
- यात्रा में परेशानी कम करने के लिए अगर आप योग्य हैं, तो अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन करें।
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SUMMARY
अमेरिका में इमीग्रेशन अटॉर्नी भारतीय नागरिकों को H-1B वीजा, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और ग्रीन कार्ड धारकों को विदेश यात्रा से बचने की सलाह दे रहे हैं। वीजा स्टैम्पिंग में देरी, कड़ी सुरक्षा जांच और हिरासत की संभावना बढ़ गई है। इमीग्रेशन अटॉर्नी ने सुझाव दिया है की भारतीय नागरिकों और ग्रीन कार्ड होल्डर्स को यात्रा से पहले अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर लेना चाहिए। ऐसा करने से भविष्य में होने वाली असुविधा से बचा जा सकता है।
