उत्तराखंड सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण और पर्यावरण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य में बाहर से आने वाले व्हीकल पर ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। सरकार दिसंबर 2025 से टैक्स कलेक्शन शुरू करेगी। सरकार का यह कदम पर्यावरण संतुलन के साथ ही प्रदेश में ग्रीन मूवमेंट को भी बढ़ावा देगा।
अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन के समय गाड़ियों से ज्यादा धुआं निकलता है। धीरे-धीरे यह धुआं पहाड़ों की ताज़ी हवा और सुंदरता को बिगाड़ रहा है। ऐसे में अब सरकार चाहती है कि इस खतरे को समय रहते रोका जाए।

अब हर गाड़ी पर लगेगा अलग टैक्स, सरकार ने जारी की नई रेट
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले वाहनों के लिए टैक्स रेट तय कर दी हैं। अब विभिन्न प्रकार के व्हीकल के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित की गई हैं। जैसे-
1. छोटे वाहनों के लिए – ₹80
2. स्मॉल कार्गो व्हीकल के लिए – ₹250
3. बसें के लिए – ₹140
4. ट्रक के लिए – ₹120 से ₹700 (वजन के आधार पर)
यह नई टैक्स दरें दिसंबर 2025 से लागू होंगी। इस सिस्टम में हर वाहन के लिए अलग-अलग टैक्स रेट तय कि गई है। भारी और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ज्यादा टैक्स लगेगा।
स्मार्ट तकनीक से टैक्स कलेक्शन होगा आसान
टैक्स कलेक्शन को आसान बनाने के लिए सरकार ने ये नई तकनीक अपनाई है। राज्य के एंट्री पॉइंट्स पर अब ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम लगाया जाएगा। एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सनत कुमार सिंह के मुताबिक, इन एंट्री पॉइंट्स पर कैमरों की संख्या 16 से बढ़ाकर 37 कर दी गई है। ये कैमरे हर आने वाले वाहन की नंबर प्लेट स्कैन करेंगे।
इसके बाद यह डेटा तय की गई कंपनी को भेजा जाएगा। ऐसे में वेंडर कंपनी, NPCI के साथ मिलकर ऑटोमैटिक टैक्स कटौती सुनिश्चित करेगी।
इसके बाद कार के वॉलेट नंबरों को सिस्टम से जोड़ा जाएगा। फिर टैक्स की तय राशि अपने आप उनके खाते से कट जाएगी। इससे भुगतान पूरी तरह आसान और पेपरलेस हो जाएगा।
अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनेगा डिजिटल ग्रीन टैक्स
देखा जाए तो, उत्तराखंड का यह नया ग्रीन टैक्स सिस्टम, तकनीक और पर्यावरण का अद्भुत सामंजस्य पेश करती है। यह सिस्टम अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन सकती है। राज्य का उद्देश्य टूरिज्म को बढ़ाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। सरकार का यह कदम हिमालयी क्षेत्रों में सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देगा।
Summary:
उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रीन टैक्स लागू किया है। दिसंबर 2025 से बाहर से आने वाले वाहनों पर अलग-अलग टैक्स रेट लागू होंगे। हैवी और प्रदूषण फ़ैलाने वाले व्हीकल से ज्यादा शुल्क वसूला जाएगा। स्मार्ट तकनीक और ऑटोमैटिक सिस्टम के जरिए टैक्स कलेक्शन आसान और पेपरलेस होगा। यह पहल पर्यटन और पर्यावरण संतुलन के बीच सही तालमेल बनाएगी। वही अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकती है।
