दुनियाभर में Tech Jobs पर संकट, 2025 में 1.25 लाख से ज्यादा Techies हुए प्रभावित


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Dec 20, 2025


ग्लोबल टेक सेक्टर में नौकरी कटौती का सिलसिला जारी है। 2025 में अब तक 1.2 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को जॉब से निकाला गया है। कई बड़ी कंपनियां कॉस्ट कम करने में जुटी हैं। कुछ सेक्टर्स में डिमांड भी घटी है। AI और ऑटोमेशन का असर साफ दिख रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस साल सबसे ज़्यादा ले ऑफ अमेज़न, डेल या एक्सेंचर ने नहीं किए।

तो आइए जानते हैं कि किस IT कंपनी ने अब तक सबसे ज्यादा ले ऑफ किए हैं-

2025 में ले ऑफ के मामले में इंटेल सबसे आगे

2025 में इंटेल ने सबसे ज्यादा ले ऑफ किए हैं। यह सभी टेक कंपनियों में से सबसे बड़ा आंकड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने करीब 24,000 जॉब्स हटाई हैं। यह कदम कंपनी के रीस्ट्रक्चरिंग प्लान का ही हिस्सा है। दरअसल इंटेल अब अपनी बिज़नेस स्ट्रेटेजी में बदलाव ला रहा है। कंपनी का फोकस चिप मैन्युफैक्चरिंग पर है। 

फाउंड्री सर्विसेज़ पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में टिके रहना है। ये ले ऑफ दिखाते हैं कि पुरानी टेक कंपनियांभी दबाव में हैं।

2025 में ले ऑफ करने वाली अन्य कंपनियां

2025 में कई टॉप टेक कंपनियों ने भी बड़े स्तर पर ले ऑफ किए हैं। जैसे- 

TCS

कंपनी ने करीब 20,000 नौकरियां कम की हैं। इसका कारण स्किल गैप और AI  बेस्ड डिलीवरी मॉडल को बताया गया है।

वेरिज़ोन

कॉस्ट कटिंग के चलते लगभग 15,000 कर्मचारियों की संख्या भी कम की गई है।

अमेजन

कंपनी ने करीब 14,000 कॉर्पोरेट रोल्स खत्म किए गए। अमेजन का फोकस मैनेजमेंट लेयर्स को सरल बनाने पर रहा।

डेल टेक्नोलॉजीज

कंपनी ने लगभग 12,000 कर्मचारियों को निकाला है। डेल फिलहाल AI बेस्ड हार्डवेयर डिमांड के अनुसार बदलाव कर रही है।

एक्सेंचर

यहां करीब 11,000 नौकरियां कम की गई है। यह फैसला बदलती क्लाइंट रेक्विरेमेंट और ऑटोमेशन के कारण लिया गया।

माइक्रोसॉफ्ट

माइक्रोसॉफ्ट ने लगभग 9,000 रोल्स में कटौती हुई। इस ले ऑफ का ज्यादातर असर गेमिंग और क्लाउड डिवीजन पर पड़ा है।

टेक कंपनियों में क्यों हो रहे हैं ले ऑफ?

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इस ले ऑफ के पीछे कई कारण बताए हैं। कंपनियां AI और ऑटोमेशन पर तेजी से निवेश कर रही हैं। इससे बड़ी टीमों की जरूरत कम हो रही है। ऑपरेशनल कॉस्ट में भी बढ़ोत्तरी हुई हैं। क्लाइंट्स अब खर्च को लेकर सतर्क हैं। इस वजह से कंपनियां अपने वर्कफोर्स का साइज फिर से देख रही हैं।अब फोकस बदल रहा है। 

वॉल्यूम हायरिंग की जगह स्किल बेस्ड टैलेंट पर फोकस है। खासतौर पर AI, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड और डेटा साइंस जैसे सेक्टर्स में ज्यादा बूम देखने को मिल रहा है।

नई टेक स्किल्स की मांग

देखा जाए तो यह टेक प्रोफेशनल्स के लिए यह एक साफ संकेत है। अब लगातार अपस्किलिंग जरूरी हो गई है। नई टेक्नोलॉजी के साथ ही खुद को अपग्रेड करना भी ज़रूरी है। इस समय जहां ट्रेडिशनल रोल कम हो रहे हैं। वहीं, एडवांस टेक स्किल्स की डिमांड बढ़ रही है। जॉब मार्केट अब ज्यादा कॉम्पिटिटिव हो गया है। यह तेजी से स्पेशलाइज्ड भी हो रहा है।

2025 तेजी से आगे बढ़ रहा है।टेक कंपनियों में बदलाव रुकने का नाम नहीं ले रहे। वर्कफोर्स रीअलाइनमेंट अब सिर्फ टेम्पररी नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म ट्रेंड बनता जा रहा है।

Summary:

2025 में ग्लोबल टेक सेक्टर में नौकरी कटौती का दौर जारी है। अब तक 1.25 लाख से ज़्यादा ले ऑफ किए गए है। इन सभी में से इंटेल सबसे आगे है। TCS, वेरिज़ोन, अमेज़न, डेल, एक्सेंचर और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने भी बड़े स्तर पर ले ऑफ किए हैं। AI, ऑटोमेशन और कॉस्ट कटिंग  इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। अब नई टेक स्किल्स की डिमांड बढ़ रही है।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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