सड़कों की खराब स्थिति और टोल कीमतों में बढ़ोतरी, जनता के लिए लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। इस बीच सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का एक हैरान कर देने वाला बयान सामने आया है। दरअसल उन्होंने यह स्पष्ट किया है की किसी भी स्थिति में टोल वसूली बंद नहीं होगी। बता दें की राज्यसभा में दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा का ऑडिट अनावश्यक है और नेशनल हाईवे पर शुल्क हमेशा के लिए वसूला जाएगा। जैसा कि नेशनल हाईवे फी रूल, 2008 में भी निर्धारित है।

बढ़ती चिंताओं के बावजूद टोल ऑडिट पर कोई कार्रवाई नहीं
इस पुरे मामले में सांसदों का मानना है कि टोल से जमा होने वाली राशि अब सड़क बनाने की लागत से अधिक हो चुकी है। जिसके चलते अब टोल शुल्क कम करने या कुछ टोल बूथों को बंद करने की जरूरत है। इस बात पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टोल ऑडिट की मांग को नकारते हुए कहा कि टोल शुल्क हर साल बदलता है और इसका इस्तेमाल खराब सड़कों में सुधार करने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भी होता है।
ऐसे में कुछ आलोचको ने तर्क देते हुए कहा कि कई टोल प्लाजा अपने खर्च की भरपाई के बाद भी बहुत ज्यादा टोल टैक्स वसूलते हैं, जो साफ़ तौर पर उनके निर्णयों पर सवाल उठाता है।
कन्सेशन समय खत्म होने के बाद टोल कौन वसूलता है?
आपको बता दें की कन्सेशन अवधि के दौरान, टोल शुल्क मुख्य रूप से प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर्स और उनके एग्रीमेंट्स के अनुसार वसूला जाता है।
इसके बाद जब यह अवधि समाप्त हो जाती है तो सरकार या कुछ एजेंसी यह जिम्मेदारी लेते हुए टोल कलेक्ट करने का काम करती हैं। जिससे नेशनल हाईवे, ब्रिज , टनल और बाईपास से लगातार रेवेन्यू मिलता है।
क्या टोल कलेक्शन का ऑडिट होना चाहिए?
सरकार के रुख के बावजूद, यदि देखा जाए तो इस ऑडिट सही मायने में टोल कलेक्शन में स्पष्टता आएगी, जैसे
- इस ऑडिट से यह पता चलेगा कि जो टोल से आने वाला रेवेन्यू जमा हो रहा है, वह हाईवे के कंट्रक्शन और मेंटेनेंस की लागत को सही ठहरा रहा है या नहीं।
- वही कई टोल प्लाजा अपनी इन्वेस्टमेंट कॉस्ट रिकवर होने के बाद भी ऊंचे शुल्क वसूलते हैं, जिससे लोगों में अतिरिक्त टैक्स देने की चिंता लगातार बढ़ रही है।
- इन सभी के बीच, इस बढ़ते टोल शुल्क और सड़कों की खराब स्थिति के कारण लोगों का सरकार और सिस्टम पर से भरोसा उठ रहा है।
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SUMMARY
सड़कों की खराब स्थिति और बढ़ते टोल शुल्क को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई है। नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि टोल वसूली हमेशा जारी रहेगी और टोल ऑडिट की आवश्यकता नहीं है। कई टोल प्लाजा निवेश की वसूली के बाद भी अधिक शुल्क ले रहे हैं, जिससे जनता में लगातार चिंता बनी हुई है। ऐसे में सिस्टम पर लोगों का भरोसा फिर से बनाने के लिए, टोल की सही कीमत और पारदर्शिता बहुत जरूरी है।
