भारत सरकार ने पेट्रोल में अब 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का ऐलान किया है। पिछले 11 वर्षों में इथेनॉल मिक्सिंग रेट में लगभग 13 गुना की वृद्धि हुई है। सरकार का दावा है कि यह कदम देश को ऑइल एक्सपोर्ट पर निर्भरता से राहत दिलाएगा। साथ ही, इससे कार्बन एमिशन में भी उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है।
वही दूसरी ओर, मोटर वाहन चलाने वालों के लिए यह फैसला चिंता का कारण बन गया है। उन्हें डर है कि इससे गाड़ियों के परफॉरमेंस पर असर पड़ेगा। साथ ही, ऑपरेटिंग कॉस्ट भी बढ़ सकती है।

E20 फ्यूल पर नीति आयोग की रिपोर्ट
E20 ईंधन को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग ने कुछ अहम सुझाव दिए थे। नीति आयोग की 2021 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर भारत में E20 ईंधन का इस्तेमाल किया जाए, तो देश हर साल करीब 30,000 करोड़ रुपये बचा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि E20 ईंधन का कैलोरी वैल्यू पेट्रोल से थोड़ा कम है। ऐसे में इसकी कीमत कम रखनी चाहिए, ताकि देशभर में लोग इसे ज्यादा इस्तेमाल करें।
इसके अलावा, रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कंस्यूमर्स को टैक्स में राहत दी जाए। साथ ही, इथेनॉल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिले।
सस्ता होकर भी महंगा क्यों बिक रहा है E20 पेट्रोल?
बता दें कि इथेनॉल बनाना पेट्रोल की तुलना में काफी सस्ता है। GST समेत इसकी लागत करीब 61 रुपये प्रति लीटर आती है। इस समय, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत करीब 95 रुपये प्रति लीटर है। इसके बावजूद कई जगहों पर पेट्रोल पंपों पर E20 फ्युल की कीमत पेट्रोल के बराबर या उससे भी ज्यादा है। दरअसल इसके पीछे का मुख्य कारण टैक्स, ड्यूटी और सब्सिडी की मौजूदा पॉलिसी को बताया जा रहा है। ऐसे में इसका फायदा आम उपभोक्ता तक नहीं पहुंच पा रहा।
इतना ही नहीं, कुछ व्हीकल ओनर ने यह भी शिकायत की है कि E20 से गाड़ी की माइलेज कम होता है।
इथेनॉल मिश्रण पर सरकार और एक्स्पर्ट्स की राय
E20 को लेकर माइलेज पर उठ रहे सवालों के बीच सरकार ने स्पष्ट किया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, माइलेज में थोड़ी गिरावट आई है। E10 और E20 के लिए डिज़ाइन किए गए वाहनों में माइलेज लगभग 1 से 2 प्रतिशत कम होता है। बाकी पुराने वाहनों में यह गिरावट 3 से 6% तक देखी गई है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में भी ऐसे ही आकड़ें देखे गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पुराने वाहनों में माइलेज में 6 से 7% तक की गिरावट हो सकती है, खासकर जो इथेनॉल मिश्रण के लिए डिजाइन नहीं किए गए थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंजन ट्यूनिंग और कुछ तकनीकी बदलावों से यह कम किया जा सकता है।
E20 को लेकर इंडस्ट्री और सरकार की प्रतिक्रिया
बता दें की व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अब 2022 से E10 के लिए बने इंजनों में सुधार कर रहे हैं। हालांकि E20 के लिए अभी और बदलाव करने होंगे। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) का कहना है कि सही हार्डवेयर और ट्यूनिंग से माइलेज की गिरावट को कम किया जा सकता है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने E20 से व्हीकल डैमेज से जुड़ें सारे क्लेम्स खारिज कर दिए। इस मामले पर सरकार का कहना है कि E20 फ्यूल से पर्यावरण और अर्थव्यवस्था, दोनों को फायदा होगा।
Summary:
भारत सरकार ने पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने का फैसला किया है। इससे देश को तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण में कमी आएगी। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, E20 फ्युल से सालाना 30,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। हालांकि, वाहन मालिक माइलेज और खर्च बढ़ने की चिंता जता रहे हैं। सरकार का कहना है कि माइलेज में फर्क पड़ सकता है, लेकिन ट्यूनिंग से सुधार संभव है।
