भारत सरकार ने हाल ही में एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन (EPFO) के नियमों में अहम बदलाव किए हैं। दरअसल, सरकार चाहती है कि जरूरत के समय कर्मचारी अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल कर सकें। सरकार का मानना है कि इससे फ्यूचर प्लानिंग करना आसान होगा। नए नियमों को विस्तार से समझाया गया है। कई अहम बिंदु सामने रखे गए हैं। माना जा रहा है कि लगभग लाखों कर्मचारियों को इस अपडेट का फायदा मिलेगा।

रिटायरमेंट सेविंग्स पर अब मिलेगा ज्यादा कंट्रोल
EPFO के इन नए नियमों के तहत अब कर्मचारी जरूरत पड़ने पर अपनी पूरी सेविंग निकाल सकते हैं। पढ़ाई, शादी, इलाज या घर के लिए 100% पैसा निकाला जा सकता है। बता दें कि पहले विथड्रावल पर लिमिट थी। यह पैसा केवल ज़रूरत के समय ही निकाला जा सकता है। नए नियम के मुताबिक, अगर अकाउंट में कम से कम 25% रकम बची हो, तो बाकी सारा पैसा निकाला जा सकता है। इससे इंटरेस्ट मिलता रहेगा और सेविंग पर असर नहीं पड़ेगा।
अब पैसे निकालना होगा आसान
पहले PF निकालने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। लेकिन नए नियमों के बाद यह प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है।अब न सिर्फ कागजी काम कम होगा, बल्कि PF के लिए क्लेम करना भी आसान हो गया है। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर सेविंग्स निकालना भी अब आसान है। कुल मिलाकर, अब इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत समाधान मिलेगा।
पेंशन स्कीम के तहत मिलेंगे लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स
अब पेंशन योजना (EPS) का पूरा पैसा निकालने के लिए बेरोजगारी की अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है। इसी तरह, EPF के फाइनल सेटलमेंट के लिए भी इंतजार की अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दी गई है। इस बदलाव का मकसद है कि लोग जरूरत के समय पैसा निकाल सकें। साथ ही रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स बनी रहे। ऐसे में अब फौरन मदद भी मिलेगी और भविष्य की सुरक्षा भी बनी रहेगी।
अब सब कुछ होगा डिजिटल और पेपरलेस
बताते चलें की PF के सारे क्लेम ऑनलाइन निपटाए जाएंगे। इसके लिए कर्मचारी EPFO पोर्टल या उमंग ऐप (Umang App) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न केवल कागज़ी काम कम होगा बल्कि प्रोसेस को भी जल्द निपटाया जाएगा। EPFO ने पोस्टल सर्विस के साथ मिलकर घर बैठे लाइफ सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन की सुविधा शुरू की है। ऐसे में अब उन्हें ऑफिस जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
विपक्ष ने इन बदलावों को लेकर जताई चिंता
इस मामले पर जहां सरकार का कहना है कि ये बदलाव कर्मचारियों की मदद के लिए हैं। वही विपक्ष का मानना है कि इससे रिटायरमेंट के लिए की गई सेविंग्स पर असर पड़ सकता है। उनका तर्क है कि इन नियमों से लोग जल्दी पैसा निकाल लेंगे। जिससे भविष्य में आर्थिक तंगी जैसी समस्याएं आ सकती हैं। वहीं, पॉलिसी मेकर्स के बीच यह बहस अभी भी जारी है कि शॉर्ट टर्म रिलीफ और लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।
Summary:
भारत सरकार ने EPFO के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अब कर्मचारियों को अपनी सेविंग्स पर ज्यादा कंट्रोल मिलेगा। जरूरत पड़ने पर वे 100% तक राशि निकाल सकते हैं। निकासी का तरीका भी अब आसान होगा। डिजिटल इंडिया के तहत पेपरलेस प्रक्रिया को बढ़ावा दिया गया है। पेंशन स्कीम के तहत प्रतीक्षा अवधि बढ़ाई गई है। लेकिन विपक्ष ने इस पर चिंता जताई है।
