प्रोविडेंट फंड की एक्सेसिबिलिटी को और भी बेहतर बनाने के लिए हाल ही में एक अहम कदम उठाया गया। इसके तहत अब एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने एडवांस क्लेम्स के लिए ऑटो-सेटलमेंट लिमिट को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने का प्रस्ताव दिया है। इस पांच गुना बढ़ोतरी का मुख्य उद्देश्य EPFO के 7.5 करोड़ मेंबर्स के लिए विथड्रॉल प्रोसेस को और अधिक सहज और आसान बनाना है।

दरअसल यह निर्णय सरकार के “जीवन को आसान बनाना” (Ease of Living) के दृष्टिकोण को एक नई दिशा प्रदान करता है, जिससे कर्मचारियों को जल्द मदद मिल सकेगी।
AI-आधारित फास्ट ऑटो-सेटलमेंट
आपको बता दें कि ऑटो-सेटलमेंट सुविधा की शुरुआत पहली बार अप्रैल 2020 में मेडिकल इमरजेंसी के लिए शुरू की गई थी। इसके बाद, धीरे-धीरे इसे एजुकेशन, शादी और हॉउसिंग विथड्रॉल के लिए भी विस्तार किया गया। पहले, EPFO ने मई 2024 में इस सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया था।
हालांकि अब, ₹5 लाख की नई लिमिट के प्रस्ताव के साथ, क्लेम्स प्रोसेसिंग की गति में इन्क्रिमेंट आने की उम्मीद है। EPFO के AI-आधारित सिस्टम का उपयोग करते हुए, अब 95% सेटलमेंट केवल तीन दिनों के भीतर पूरा होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे इस प्रक्रिया को और भी तेज़ और सुविधाजनक बनाया जा रहा है।
ऑटो-क्लेम सेटलमेंट में दर्ज हुआ नया रिकॉर्ड
EPFO ने इस वित्तीय वर्ष, ऑटो-क्लेम सेटलमेंट में काफी बढ़ोतरी देखी है। रिकार्ड्स के अनुसार, 6 मार्च 2025 तक कुल 2.16 करोड़ क्लेम का सेटलमेंट किया गया है, जो पिछले साल यानी 2023-24 में केवल 89.52 लाख थे। इसके अलावा, रिजेक्शन रेट में भी कमी आई है, जो अब 50 % से घटकर 30% रह गई है। ऐसे में यह बात तो साफ़ है कि क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा तेज और सटीक हो चुकी है।
EPFO ने विथड्रावल प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए वेलिडेशन फॉर्मलिटीज की संख्या को 27 से घटाकर 18 कर दिया है, और भविष्य में इसे सिर्फ छह तक सीमित करने का भी प्लान है। यह कदम प्रक्रिया को अधिक यूज़र-फ्रेंडली और तेज़ बनाने के लिए निश्चित तौर पर फायदेमंद साबित होगा।
UPI इंटीग्रेशन के साथ अब तत्काल PF विथड्रावल
बताते चलें की EPFO अब अपने विथड्रावल सिस्टम में UPI को भी शामिल करने जा रहा है, जिससे यूज़र्स पेटीएम, गूगल पे, और फोनपे जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप्स के जरिए सीधे अपने PF फंड का लाभ उठा सकेंगे। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव, सुमिता डावरा के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने इस पहल को पहले ही अप्प्रूव करा लिया है और इसे मई या जून 2025 तक लॉन्च करने की उम्मीद है।
ऐसे में UPI इंटीग्रेशन के साथ, सेटलमेंट टाइम को 2-3 दिनों से कम करके सिर्फ कुछ मिनटों तक लाया जा सकेगा। इससे न केवल रिजेक्शन रेट में गिरावट आएगी, बल्कि फंड भी तुरंत आपके खाते में ट्रांसफर होगा। यह कदम जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) जैसी योजनाओं में भी लागू हो सकता है, जिससे लाखों यूज़र्स को सीधा फायदा होगा।
यह बदलाव EPFO के वित्तीय प्रक्रियाओं को और अधिक आधुनिक और सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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SUMMARY
EPFO ने अपने प्रोविडेंट फंड को और अधिक सुलभ बनाने के लिए कई अहम बदलाव किए हैं। अब, एडवांस क्लेम्स के लिए ऑटो-सेटलमेंट लिमिट ₹5 लाख करने का प्रस्ताव है, जिससे विथड्रॉल प्रक्रिया तेज और आसान होगी। AI-आधारित फास्ट सेटलमेंट से 95% क्लेम्स का सेटलमेंट तीन दिन में संभव होगा । इसके अलावा, UPI इंटीग्रेशन से फंड कुछ मिनटों में ट्रांसफर होगा।
