हाल ही में Tesla Inc ने भारत में हायरिंग प्रोसेस की शुरुआत कर दी है, जो कंपनी के देश में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में कदम रखने की दिशा में एक अहम कदम है। Tesla ने कस्टमर और बैकएंड संचालन से जुड़े 13 पदों के लिए जॉब ऑफर्स की घोषणा की है।

बता दें की दिल्ली में सर्विस टेक्नीशियन और सलाहकार जैसे पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। जबकि मुंबई में कस्टमर इंगेजमेंट मैनेजर और डिलीवरी ऑपरेशन एक्सपर्ट्स के लिए वैकेंसी हैं। बताया जा रहा है की यह वैकेंसी टेस्ला के CEO एलन मस्क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका में हुई मुलाकात के बाद जारी की गई है।
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ती मांग
टेस्ला का भारत में प्रवेश एक लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है, हालांकि हाई इम्पोर्ट डूटीज के चलते यह निर्णय लेने में मुश्किल आ रही थी। हाल ही में, भारत सरकार ने 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली प्रीमियम कारों पर कस्टम ड्यूटी को 110% से घटाकर 70% कर दिया है, जिससे अब ग्लोबल ऑटोमोटिव कंपनियों के लिए भारतीय बाजार एक और अधिक आकर्षक विकल्प बन गया है।
भारत का EV मार्केट भले ही अभी शुरुआती चरण में हो, लेकिन यह तेजी से बढ़ रहा है। 2023 में करीब 1 लाख इलेक्ट्रिक कारें बेची गई, जो चीन के 11 मिलियन से कम है, लेकिन यह एक स्पष्ट संकेत है कि यह डिमांड लगातार बढ़ रही है।
PM मोदी और ट्रम्प की अहम बैठक
रिपोर्ट्स के अनुसार टेस्ला की भारत में एंट्री PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच वाशिंगटन में हुई एक अहम बैठक के बाद हुआ है। खबरों से पता चलता है की भारत ने अमेरिकी ट्रेड डेफिसिट (US trade deficit) को कम करने और संभावित मिलिट्री डील्स, जैसे F-35 फाइटर जेट पर चर्चा करने के लिए सहमति व्यक्त की है।
ट्रम्प की एडवाइजरी टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य, एलन मस्क, ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने Tesla के सीईओ के रूप में भाग लिया या किसी अन्य सरकारी भूमिका में। ऐसे में मस्क के ट्रेड और पॉलिटिकल संबंधों का यह मिलाजुला पहलू दिलचस्प है, खास तौर पर जब SpaceX इटली सरकार से सिक्योर टेलीकम्यूनिकेशन सर्विस पर चर्चा कर रहा है।
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SUMMARY
टेस्ला ने हाल ही में भारत में हायरिंग प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें 13 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। मुंबई और दिल्ली में सर्विस टेक्नीशियन, कस्टमर मैनेजर और डिलीवरी एक्सपर्ट्स के लिए वैकेंसी हैं। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात के बाद हुआ है। भारत में EV की बढ़ती मांग को देखते हुए, टेस्ला ने भारत में प्रवेश किया है।
