हाल ही में, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 का सेंट्रल बजट पेश किया, जिसमें ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधानों की घोषणा की गई है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अधिक किफायती बनाना है और देश भर में कार खरीदारों को इसका लाभ पहुंचाना है।

आइए जानते है, इस बजट से ऑटोमोटिव सेक्टर की ग्रोथ को कितना लाभ पहुंचने वाला है-
भारत में EV बैटरी निर्माण को बढ़ावा
आपको बता दें की वित्त मंत्री के इस नए बजट में एक अहम घोषणा की गई है, जहां लिथियम-आयन बैटरियों के मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग होने वाली सामग्रियों पर से बेसिक कस्टम ड्यूटी (BSD) पूरी तरह हटा दिया गया है। ये बैटरियाँ, जो कि वर्तमान में EV प्रोडक्शन कॉस्ट का लगभग 40% हिस्सा होती हैं, मुख्य रूप से चीन और ताइवान से इम्पोर्ट की जाती हैं।
इस घोषणा के अनुसार, अब लिथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी 35 प्रकार के कैपिटल गुड्स पर से पहले लगाए गए 2.5% से लेकर 10% तक के कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया है। यह कदम भारत में EV बैटरी मैन्युफैक्चरिंग की कॉस्ट घटाने और जीरो एमिशन वीकल के उत्पादन को सस्ता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
EV सेगमेंट में आकर्षक नए विकल्प
भारत सरकार की इस फैसले से Tata Nexon, Hyundai Creta EV और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम कम होने की उम्मीद है। जिसके ये EV सेगमेंट में कस्टमर्स के लिए अधिक आकर्षक विकल्प बन जाएंगे। भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो (Bharat Mobility Global Expo) में, वाहन निर्माताओं ने नए EV मॉडल लॉन्च करने के योजना के बारे में भी बताया था।
बता दे की Tata Nexon वर्तमान में भारत में EV बिक्री लिस्ट में सबसे टॉप पर है,इसके बाद MG Windsor EV का स्थान है। Mahindra BE6, XEV 9e, Tata Harrier EV और Hyundai Creta EV सहित आगामी लॉन्च के साथ, EV मार्केट में तेजी से विस्तार की संभावना है।
बजट 2025 में भारत में किफायती इलेक्ट्रिक वाहन
माना जा रहा है की बजट 2025 में किए गए बदलावों के चलते भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर को किफायती और सुलभ इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बढ़ने का अवसर मिलेगा। ऐसे में आने वाले कुछ सालों में भारत में निश्चित तौर पर क्लीन और ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन ऑप्शंस उपलब्ध होंगे।
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SUMMARY
2025 के केंद्रीय बजट में लिथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए मटेरियल पर कस्टम ड्यूटी हटा दिया गया है, जिससे EV मैन्युफैक्चरिंग की कॉस्ट में कमी देखने को मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती बनाना है, जिससे क्लीन ट्रांसपोर्टेशन की ओर बदलाव को बढ़ावा मिले। सरकार के इस कदम से आने वाले समय में EV मॉडल के क्षेत्र को अधिक सुलभता और स्थिरता की ओर ले जाने की उम्मीद है।
