डॉक्टर ने Ola, Zomato और Swiggy के 10 मिनट में मिलने वाले भोजन को  बताया "अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक"


Bhawna Mishra

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Jan 12, 2025


आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, खाना अक्सर जल्दी और आसानी से चाहिए होता है। ज़ेप्टो कैफ़े, ज़ोमैटो बिस्ट्रो और स्विगी बोल्ट जैसे क्विक-कॉमर्स लीडर्स सिर्फ़ 10 मिनट में इसी जरूरत को पूरा करने का दावा करती है, जहां खाने का स्वाद और ताजगी कुछ ही मिनटों में आपके दरवाजे पर होते है। लेकिन क्या ये तेज़ और सुविधाजनक भोजन सच में स्वस्थ है? हाल ही में एक डॉक्टर ने इन्हें “अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक ” कहा है। क्या हम वाकई इतनी जल्दी स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर सकते हैं? आइए, जानते है इस मुद्दे पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय-

डॉक्टर ने Ola, Zomato और Swiggy के 10 मिनट में मिलने वाले भोजन को  बताया "अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक"

क्या है हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंताएं ?

ऑर्थोपेडिक सर्जन और न्यूट्रीबाइट वेलनेस के सह-संस्थापक, मनन वोरा ने हाल ही में एक लिंक्डइन पोस्ट में 10 मिनट में भोजन डिलीवरी के संभावित खतरों के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने साफ़ तौर पर बताया कि इतनी जल्दी खाना तैयार करने के लिए केवल अल्ट्रा-प्रोसेस्ड, प्री-कुक्ड और फ्रोजन फ़ूड आइटम्स का ही सहारा लिया जा सकता है, जिन्हें फिर से गर्म करके डिलीवर किया जाता है।

श्री वोरा ने अपने पोस्ट में बताया कि रिसर्च यह बताती है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स का सेवन कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। जैसे- 

कैंसर का खतरा

12% तक बढ़ सकता है।

कार्डियोवैस्कुलर रोग 

10% तक बढ़ने की संभावना।

मोटापा

भारत में एडल्ट्स में मोटापे की दर 27.8% तक पहुंच रही है, जिसमें इन खाद्य पदार्थों का बड़ा योगदान है।

डायबिटीज 

शुगर स्पाइक्स की वजह से यह रोग बढ़ता है।

हृदय रोग

ट्रांस फैट के कारण हार्ट सम्बंधित बीमारियों में इजाफा होता है।

उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे इंस्टेंट डिलीवरी के विकल्प के बजाय ताजे, घर के बने भोजन को प्राथमिकता दें, और कहा, सुविधा के लिए अपने स्वास्थ्य से समझौता न करें।

ऐसे किया लोगों ने रिएक्ट 

बताते चलें की पोस्ट ने कई लोगों को प्रभावित किया और बहुत से लोगों ने इस फैक्ट पर अपनी सहमती भी जताई। एक यूजर ने टिप्पणी की, “स्वास्थ्य की कीमत पर सुविधा इसके लायक नहीं है। हमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन पर निर्भर रहने के बजाय पौष्टिक भोजन के लिए थोड़ा और इंतजार करना चाहिए।” 

वहीं, एक अन्य यूजर ने भविष्य में इसके दुष्परिणामों का अंदेशा जताते हुए कहा, “10 मिनट की डिलीवरी हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।”

बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO ने भी जताई चिंता

इस महीने की शुरुआत में, बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शांतनु देशपांडे ने भारत में फास्ट फूड के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की।  उन्होंने इस तेह के प्रोसेस्ड फूड को एक “महामारी” का नाम दिया, साथ ही अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स में उच्च चीनी और पाम ऑयल की मौजूदगी को लेकर स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया। 

श्री देशपांडे ने अल्ट्रा-फास्ट फूड की गुणवत्ता में सुधार के लिए ताजा, घर पर पकाए गए भोजन, स्ट्रिक्ट रेगुलेशन और फ़ूड डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने  का आग्रह किया।

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                                  SUMMARY

आजकल की तेज़ रफ़्तार जीवनशैली में, 10 मिनट में डिलीवर होने वाली फास्ट फूड की सुविधाएं लोगों के लिए आकर्षक हो सकती हैं, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड, फ्रोजन और प्री-कुक्ड भोजन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कैंसर, हृदय रोग, और मोटापे का कारण बन सकते हैं। इसलिए, हमें ताजे, घर में बने भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए और स्वास्थ्य से समझौता नहीं करना चाहिए।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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