भारत जल्द ही डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) टेक्नोलॉजी को कमर्शियल तौर पर लॉन्च किया जाएगा।अब तक इस तकनीक को लेकर कई अहम तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट्स और कम्पेटिबल डिवाइसेज़ का प्रोडक्शन भी शुरू हो चुका है। साथ ही तकनीकी विकास पर काम भी लगभग पूरा हो गया है। हालांकि, इस पूरे प्लान का अगला बड़ा स्टेप अभी बाकी है। इसके रोलआउट को इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री से रेगुलेटरी क्लियरेंस का इंतज़ार है।

D2M तकनीक से बदलेगा मोबाइल कंटेंट भविष्य
D2M तकनीक मोबाइल डिवाइस पर बिना सिम कार्ड या इंटरनेट के कंटेंट स्ट्रीमिंग की सुविधा देती है। इससे मोबाइल डेटा की खपत कम होती है और नेटवर्क कंजेस्शन भी कम होता है। इसके अलावा, यह दूर-दराज और मीडिया से कटे इलाकों में कंटेंट पहुंचाने में मदद करती है।इसके लिए यह ज़मीन पर आधारित टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग सिस्टमका इस्तेमाल करती है। तेजस नेटवर्क की एक यूनिट, बेंगलुरु की सांख्य लैब्स ने SL3000 नाम की एक खास चिप बनाई है। यह चिप मोबाइल फोन को D2M कंटेंट रिसीव करने की क्षमता देती है।
वहीं, अमेरिका की सिनक्लेयर ब्रॉडकास्टिंग ने सांख्य लैब्स और IIT कानपुर के स्टार्टअप फ्री स्ट्रीम टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी की है।ये कंपनियां मिलकर D2M सपोर्ट वाले मोबाइल फोन बना रही हैं। इसके लिए वे करोड़ों डॉलर का इन्वेस्टमेंट भी कर रही हैं।
D2M के लिए भारत सबसे उपयुक्त देश
सिनक्लेयर ब्रॉडकास्टिंग के सीईओ क्रिस रिप्ले ने D2M के लिए भारत की अनुकूल स्थिति को समझाया। उन्होंने कहा कि प्रसार भारती के पास 100 मेगाहर्ट्ज से ज्यादा खाली स्पेक्ट्रम है। भारत में कंटेंट की बड़ी डिमांड है। साथ ही, एडवरटाइजमेंट बेस और फ्री कंटेंट सिस्टम भी काफी मजबूत है।क्रिस ने यह भी बताया कि यूज़र्स को न तो डेटा और न ही कंटेंट के लिए पैसे देने होंगे। इससे D2M का ऑफर लोगों के लिए और भी आकर्षक बन जाएगा।
D2M लॉन्च से पहले नियम और मंजूरी का इंतज़ार
बता दें की प्रसार भारती के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके बेंगलुरु और दिल्ली में यह पायलट टेस्ट किए गए। हालांकि, अब भी अंतिम नियम और मंजूरी का इंतजार है। वही सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस समय नीति तैयार करने पर काम कर रहा है। प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पति के मुताबिक, यह सिर्फ एक प्रोसीजरल प्रोसेस है। उन्होंने बताया कि प्रसार भारती के पास पहले से ही टेरिस्टेरियल ब्रॉडकास्टिंग का लाइसेंस है। इसलिए अप्रूवल में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
वहीं, सांख्य लैब्स के सीईओ पराग नाइक ने कहा कि उनका सिस्टम 5G रेडियो की तरह काम करता है। ऐसे में इस एडवांस्ड तकनीक से एयरप्लेन मोड में भी फोन तक कंटेंट भेजा जा सकता है।
HMD और Lava लॉन्च करेंगे D2M से लैस नए फोन
HMD ग्लोबल और लावा जैसे मोबाइल कंपनियां बाजार के लिए D2M-सपोर्टेड फीचर फोन तैयार कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ टेलीकॉम ऑपरेटर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि D2M आने से डेटा से होने वाली कमाई पर असर पड़ेगा। हालांकि कुछ ऑपरेटर मानते हैं कि D2M से फायदा भी हो सकता है। यह तकनीक तेजी से बढ़ते वीडियो इस्तेमाल के कारण नेटवर्क पर पड़ने वाले प्रेशर को कम कर सकती है।
वही प्रसार भारती का डीडी फ्री डिश प्लेटफॉर्म भी D2M की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी में है। ब्रॉडकास्टर्स को उम्मीद है कि वे भी D2M के ज़रिए वह और भी एक्सपेंड हो सकेंगे। ऐसे में यह भारत के मीडिया डिलीवरी सिस्टम में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
SUMMARY:
भारत जल्द ही D2M टेक्नोलॉजी को कमर्शियल रूप से लॉन्च करेगा। यह तकनीक बिना इंटरनेट मोबाइल पर कंटेंट पहुंचाएगी। इस कदम से डेटा खर्च और नेटवर्क दबाव कम होगा। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहे हैं और कंपनियां D2M फोन तैयार कर रही हैं। हालांकि, लॉन्च से पहले सरकारी मंजूरी बाकी है। यह भारत के मीडिया सिस्टम में बड़ा बदलाव ला सकती है।
