Denmark Research में खुलासा: ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों के दिल के लिए बेहद नुकसानदायक!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Aug 15, 2025



डेनमार्क में हुई एक नई रिसर्च में बच्चों और बड़ों के दिल की सेहत पर स्क्रीन टाइम के असर को लेकर चिंता जताई गई है। इस अध्ययन में 1,000 से ज़्यादा लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया। रिसर्चर्स ने देखा कि ज्यादा स्क्रीन देखने का असर शरीर के कई जरूरी इंडीकेटर्स पर पड़ता है। इनमें ब्लड शुगर कंट्रोल, कोलेस्ट्रॉल और इंसुलिन रेजिस्टेंस शामिल हैं। ये सभी संकेत डायबिटीज़ और हृदय रोग के जोखिम से जुड़े होते हैं।

दरअसल यह चेतावनी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में छपी स्टडी से सामने आई है। रिसर्च में पाया गया कि रोज़ स्क्रीन टाइम बढ़ने से हृदय संबंधी बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ता है। इस असर का सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों पर देखा गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका असर बच्चों के शारीरिक विकास पर भी पड़ सकता है।

स्क्रीन टाइम के साथ नींद और हेल्दी रूटीन भी जरूरी

बच्चों के स्क्रीन टाइम को नींद और हेल्दी आदतों से संतुलित करना ज़रूरी है। एक रिसर्च में यह भी बताया गया की नींद हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। रिसर्च में पाया गया कि पर्याप्त नींद से स्क्रीन टाइम के कई नकारात्मक असर कम हो सकते हैं। यह बच्चों के दिल की सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। वही एक्सपर्ट्स मानते हैं कि स्क्रीन टाइम पर पूरी तरह से बैन लगाना संभव नहीं है। लेकिन समय सीमित करना और सही आदतें बनाना ज़रूरी है।

ऐसे में माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे बच्चों के डेली स्क्रीन टाइम पर नज़र रखें। आउटडोर स्पोर्ट्स और एक्टिविटी को बढ़ावा दें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि बच्चों को रोज़ पूरी नींद मिले। इससे तकनीक के इस्तेमाल और सेहत के बीच सही संतुलन बनाया जा सकता है।

इन 3 आसान उपाय से कम करें बच्चों का स्क्रीन टाइम

बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करना आसान नहीं है। झगड़े के बिना स्क्रीन टाइम कम करना अक्सर मुश्किल होता है। लेकिन कुछ आसान टिप्स इसमें मदद कर सकती हैं। जैसे-

  • सबसे पहले, स्क्रीन टाइम का सही समय तय करें। अचानक पूरी तरह रोक लगाने से बेहतर है कि धीरे-धीरे समय कम किया जाए।
  • दूसरा, स्क्रीन टाइम को एक रिवॉर्ड की तरह इस्तेमाल करें। उदाहरण के लिए – अगर बच्चा पढ़ाई या घर का काम पूरा करता है, तो उसे थोड़ी देर स्क्रीन देखने की अनुमति दी जा सकती है। इससे उन्हें खुद पर नियंत्रण का एहसास होता है।
  • तीसरा, स्क्रीन ऑप्शंस तैयार रखें। बोर्ड गेम, पहेलियां, ड्राइंग, क्राफ्ट या आउटडोर गेम्स बच्चों का ध्यान स्क्रीन से हटा सकते हैं।

परिवार के साथ तय करें स्क्रीन टाइम की सही लिमिट

परिवार के साथ हेल्थी स्क्रीन हैबिट्स बनाना ज़रूरी है। माता-पिता को खुद भी अच्छा उदाहरण देना चाहिए। जैसे, रात के खाने में फोन न इस्तेमाल करना। परिवार के लिए स्क्रीन-फ्री समय तय करना भी फायदेमंद होता है। घर में ऐसे जगह बनाएं जहां कोई गैजेट न हो। खासकर बेडरूम और खाने की मेज पर। इससे नींद बेहतर होती है और कम्युनिकेशन बढ़ता है। नियमित फिजिकल एक्टिविटी भी जरूरी है। बाहर खेलना या परिवार के साथ सैर करना डिजिटल डिवाइस पर निर्भरता को कम कर सकता है।

स्क्रीन को पूरी तरह हटाना संभव नहीं, लेकिन उसका सीमित इस्तेमाल ज़रूर किया जा सकता है। अगर स्क्रीन टाइम को हेल्दी एक्टिविटी, भरपूर नींद और पॉजिटिव फैमिली रूटीन के साथ बैलेंस किया जाए, तो इसका बच्चों की सेहत पर बेहतर असर हो सकता है।

Summary:

डेनमार्क की एक रिसर्च में पाया गया कि ज़्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों और बड़ों की दिल के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। छोटे बच्चे सबसे ज़्यादा जोखिम में हैं। पर्याप्त नींद और हेल्दी रूटीन से इसका असर कम किया जा सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्क्रीन की लत को सीमित करें, बच्चों को एक्टिव रखें और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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