हाल ही में हुए एक शोध में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि COVID-19 कैंसर रोगियों के लिए घातक ट्यूमरों को कम करने में सहायक हो सकता है, जिससे नए कैंसर उपचारों की संभावना बढ़ सकती है। अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 (Covid19 Virus) से गंभीर रूप से प्रभावित कुछ कैंसर मरीजों में ट्यूमर का विकास धीमा हो गया हैं या उसके आकार में कमी आई है।

रिसर्चर्स का मानना है कि SARS-CoV-2 वायरस शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे यह कैंसर सेल को आसानी से पहचाना और नष्ट किया जा सकता है।
COVID-19 से कैंसर इलाज की संभावना
महामारी के दौरान, कई चिकित्सकों ने यह देखा कि गंभीर COVID-19 से प्रभावित कुछ कैंसर रोगियों में ट्यूमर का विकास धीमा हो गया या वह सिकुड़ने लगा। यह ओवरव्यू शोधकर्ताओं के लिए एक दिलचस्प सवाल बन गया, और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के हेड थोरेसिक सर्जन, डॉ. अंकित भारत और उनकी टीम ने इस पर गहराई से शोध करना शुरू किया।
अध्ययन में पाया गया कि SARS-CoV-2 वायरस जो COVID-19 का कारण बनता है, मोनोसाइट्स नामक इम्यून सेल्स के व्यवहार को बदल देता है। आम तौर पर, ये कोशिकाएं ट्यूमर से लड़ने में मदद करती हैं। हालांकि ये कैंसर कोशिकाएं इन कोशिकाओं पर नियंत्रण कर लेती हैं और उनके कार्य में बाधा बन जाती हैं। ऐसे में SARS-CoV-2 वायरस की उपस्थिति इस बाधा को नष्ट कर देती है, जिससे इम्युनिटी सिस्टम के लिए ट्यूमर को पहचानना और नष्ट करना आसान हो जाता है।
यह अध्ययन बताता है कि कोविड-19 से उत्पन्न RNA विशिष्ट इम्यून सेल्स को सक्रिय करता है, जो खतरनाक टिश्यू को नष्ट कर सकते हैं। इस रिसर्च से यह लगता है कि ऐसे उपचार बनाए जा सकते हैं, जो इस इम्यून रिस्पांस को कॉपी कर सकें और सीरियस कैंसर (जैसे मेलेनोमा, फेफड़े, स्तन और कोलन) का उपचार कर सकें। डॉ. भारत ने इस आश्चर्यजनक परिणाम पर कहा कि हैरानी की बात यह है कि विनाशकारी वायरस शक्तिशाली कैंसर से लड़ने वाली कोशिकाएं भी बनाता है।
आक्रामक ट्यूमरों के लिए नया उपचार
बताते चलें की इस रिसर्च के निष्कर्ष से पता चलता है की COVID-19 द्वारा उत्पन्न इम्यून सेल्स की प्रतिक्रिया को एक नई उपचार विधि के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिससे आक्रामक और एडवांस्ड ट्यूमरों का इलाज संभव हो सकता है। यह प्रोसेस इम्यूनोथेरेपी से ज्यादा प्रभावी हो सकती है, क्योंकि इन कोशिकाओं में रेसिस्टेन्स का सामना नहीं करना पड़ता, जो ट्रेडिशनल थेरपी की एक सामान्य समस्या है।
कोविड-19 (Covid19 Virus) से उत्पन्न RNA प्राकृतिक हत्यारे कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक होती हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि कोविड-19 इम्यूनोथेरेपी का स्थान ले लेगा, बल्कि यह एक सहायक या वैकल्पिक उपचार हो सकता है, खासकर तब जब इम्यूनोथेरेपी प्रभावी न हो।
दिलचस्प बात यह है कि इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य RNA वायरस इस प्रकार के इम्यून सेल्स का निर्माण करने में असमर्थ हैं। केवल COVID-19 का RNA ही ऐसा करने में सक्षम है। डॉ भरत ने संभावना जताई कि इस रिसर्च से भविष्य में कैंसर के इलाज में नई क्रांति आ सकती है।
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SUMMARY
एक रिसर्च में यह पाया गया कि COVID-19 कैंसर रोगियों में जानलेवा ट्यूमरों को कम कर सकता है। अध्ययन के अनुसार, SARS-CoV-2 वायरस इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं को आसानी से पहचाना और नष्ट किया जा सकता है। कोविड-19 से उत्पन्न इम्यून प्रतिक्रिया का उपयोग आक्रामक ट्यूमरों के इलाज में किया जा सकता है, जो ट्रेडिशनल इम्यूनोथेरेपी से अधिक प्रभावी हो सकता है।
