IT दिग्गज, Cognizant की सहायक कंपनी TriZetto ने US फेडरल अदालत में इंफोसिस के खिलाफ मुकदमा दायर किया हैं। PTI की रिपोर्ट के अनुसार, इस मुकदमे में बेंगलुरु स्थित एक कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने हेल्थकेयर इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर से संबंधित मालिकाना जानकारी और बिजनेस सीक्रेट चुराया हैं। हालांकि इंफोसिस ने इन सभी आरोपों से इनकार कर दिया हैं। कंपनी ने कहा कि वह इस मुकदमे से अवगत हैं और अदालत में अपना पक्ष अवश्य रखेंगे।

टेक्सास की संघीय अदालत में दायर मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि इंफोसिस ने अवैध रूप से ट्राइजेटो के सॉफ्टवेयर उत्पादों (Facets और QNXT) से डेटा तक पहुंच बनाई और उस जानकारी का इस्तेमाल प्रतिस्पर्धी उत्पादों को विकसित करने और बाजार में बेचने के लिए किया। इन सॉफ़्टवेयर समाधानों का उपयोग अक्सर स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा विभिन्न कार्यों के ऑटोमेशन करने के लिए किया जाता है।
Cognizant ने लगाया आरोप
कॉग्निजेंट के मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि इंफोसिस ने “टेस्ट केस फॉर फेसेट्स” बनाने के लिए ट्राइजेटो सॉफ्टवेयर का दुरुपयोग किया, जिससे डेटा को इंफोसिस-ब्रांडेड उत्पाद में प्रभावी ढंग से रीपैकेज किया गया।
मुकदमे में आगे आरोप लगाया गया है कि इन्फोसिस ने QNXT से डेटा निकालने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसमें ट्राइजेटो से संबंधित गोपनीय जानकारी शामिल है, जैसा कि PTI ने अपने रिपोर्ट में उल्लेख किया है।
कॉग्निजेंट में इंफोसिस के दिग्गज
गौरतलब है कि कॉग्निजेंट ने इस सप्ताह इंफोसिस के पूर्व कार्यकारी राजेश वारियर को ग्लोबल हेड (ऑपरेशंस) और भारत के लिए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। उनसे पहले यह आरोप राजेश नांबियार पर था। वह अब NASSCOM के प्रेसिडेंट का पद संभालेंगे। इसके अलावा, कॉग्निजेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार एस भी इंफोसिस के मुख्य अधिकारी थे, जिन्होंने बेंगलुरु स्थित कंपनी के साथ अपने 20 साल के करियर के दौरान जनवरी 2016 से अक्टूबर 2022 तक अध्यक्ष सहित विभिन्न नेतृत्व पदों पर कार्य किया है।
बताते चलें कि 2014 में कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ने कोलोराडो की हेल्थकेयर IT कंपनी ट्राइज़ेटो को 2.7 बिलियन डॉलर (लगभग ₹16,400 करोड़) में खरीदा था, जिसने काफी सुर्खियां बटोरीं थी।
