H-1B के बढ़ते शुल्क के बीच चीन ने लॉन्च किया K Visa, दुनियाभर के Tech Experts को किया आमंत्रित!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Sep 24, 2025


दुनियाभर में टैलेंट को लेकर तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। एक ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा पर $100,000 का नया शुल्क लगा दिया है। वही दूसरी ओर, चीन ने युवा साइंटिस्ट और टेक एक्सपर्ट्स को आकर्षित करने के लिए एक नई K Visa केटेगरी शुरू करने का ऐलान किया है। यह वीज़ा 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होने जा रहा है।

अब H-1B के लिए चुकाने होंगे 100,000 डॉलर

बता दें की अब H-1B वीज़ा के लिए आवेदन प्रक्रिया और भी महंगी होती जा रही है। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी नए H-1B एप्लीकेशन पर $100,000 की फीस तय की है। यह नियम FY2026 की लॉटरी पर भी लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह फैसला अमेरिकी जॉब्स और सिक्योरिटी को प्रोटेक्ट करने के लिए लिया गया है। लेकिन इस फैसले से विदेशी प्रोफेशनल्स, खासकर भारतीयों में नाराज़गी है। ध्यान देने वाली बात है कि H-1B वीज़ा रखने वालों में 71% भारतीय हैं।

इतना ही नहीं, अमेरिका ने हाल ही में एक नया ‘Trump Gold Card’ रेजिडेंसी वीज़ा भी शुरू किया है। इसकी कीमत 10 लाख डॉलर रखी गई है।

ग्लोबल टैलेंट के लिए चीन ने लॉन्च K Visa 

अमेरिका जहां Visa प्रोसेस को एक्सपेंसिव बनाने की तयारी में है। दूसरी ओर, चीन ने ग्लोबल टैलेंट को आकर्षित करने के लिए नया K वीज़ा लॉन्च किया है। यह वीज़ा खासतौर पर साइंस, टेक, एजुकेशन और कल्चर के फील्ड से जुड़ें प्रोफेशनल के लिए है। K वीज़ा के लिए स्थानीय एम्प्लॉयर का ऑफर लेटर जरूरी नहीं होगा। इससे आवेदन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

बताते चलें कि इन वीज़ा होल्डर्स को चीन में लंबे समय तक रहने, बार-बार आने-जाने और स्टार्टअप या बिज़नेस शुरू करने की अनुमति मिलेगी। यह चीन की टैलेंट डेवलपमेंट स्ट्रैटेजी की एक अनूठी पहल है।

दुनियाभर में टैलेंट की बढ़ती डिमांड 

चीन ने वीज़ा नियमों में छूट देने की प्रक्रिया शुरू की है। जुलाई 2025 तक, चीन में 38 मिलियन इंटरनेशनल ट्रिप हो चुकी है। इसके अलावा, वीज़ा-फ्री एंट्री  हर साल करीब 54% तक बढ़ रही है।बीजिंग की बात करें तो अब तक 75 वीज़ा फ्री या म्युचुअल एक्सेम्पशन एग्रीमेंट पर साइन किए गए हैं। इससे विदेशी यात्रियों की संख्या बढ़ी है। K वीज़ा इस योजना में एक अच्छा कदम साबित होगा है। यह खासकर उन लोगों के लिए है, जो अमेरिकी प्रतिबंधों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

ग्लोबल टैलेंट क्या है और क्यों जरूरी है?

देखा जाए तो अमेरिका और चीन की वीजा पॉलिसी बहुत अलग-अलग हैं। अमेरिका जहां स्किल बेस्ड टैलेंट के लिए नियम सख्त कर रहा हैं। वहीं चीन तेजी से ऐसे टैलेंट्स को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। भारत और एशिया के कई युवा H-1B वीज़ा की बढ़ती कीमत से परेशान हैं। इस वजह से वे चीन के बढ़ते टेक और इनोवेटिव आइडिया वाले माहौल की तरफ बढ़ सकते हैं। 

Summary:

दुनिया में टैलेंट की बढ़ती मांग के बीच, अमेरिका ने H-1B वीज़ा पर $100,000 शुल्क लगा दिया है। इस फैसले से विदेशी प्रोफेशनल्स खासकर भारतीयों में चिंता बढ़ी है। वहीं, चीन ने युवा वैज्ञानिकों और टेक एक्सपर्ट्स के लिए नया K वीज़ा लॉन्च किया है, जो आसान और सुविधाजनक है। यह बदलाव अमेरिका और चीन की टैलेंट पॉलिसी में बड़े अंतर को दर्शाता है।


Bhawna Mishra
Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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