चेन्नई में एक छात्र ने U.S. F-1 छात्र वीजा हासिल कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कि है। गेम डेवलपमेंट में माहिर यह छात्र अब सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी (SDSU) में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई शुरू करेगा। 30 मई, 2025 को उसे चेन्नई वाणिज्य दूतावास से अमेरिकी एफ-1 छात्र वीजा मिला। अब वह सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी (SDSU) में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई शुरू करेगा। अपने वीजा अनुभव को लेकर उसने रेडिट पर बताया कि पूरी प्रक्रिया बहुत आसान और तेज़ रही।

SDSU छात्र को मिला Quick Visa
बताया जा रहा है की यह इंटरव्यू सुबह 9:30 बजे होना था। लेकिन आवेदक को 9 बजे ही प्रवेश मिल गया। उसने जल्दी से प्रक्रिया को पूरा कर लिया। वीजा इंटरव्यू सिर्फ दो मिनट का था। इंटरव्यू प्रोसेस में एक शांत, अनुभवी वीज़ा अधिकारी (VO) शामिल थे। छात्र ने अधिकारी की प्रोफेशनल और विनम्र स्वभाव की भी तारीफ की।
सबसे पहले वीओ ने पूछा, ‘भारत की बजाय अमेरिका क्यों चुना?’आवेदक ने बताया कि कैलिफोर्निया में गेम डेवलपमेंट के बेहतर और खास कोर्स मिलते हैं। भारत में ये कोर्स सीमित हैं। यही वजह थी कि वह विदेश में पढ़ाई करना चाहता है।
पहले ही प्रयास में हासिल किया US Visa
बता दें की इंटरव्यू के दौरान, वीज़ा अधिकारी ने सबसे पहले फंडिंग के बारे में सवाल किया। छात्र ने पूरी आत्मविश्वास के साथ बताया, “मेरे माता-पिता दोनों ही भारत में डॉक्टर हैं। साथ ही वह कई अस्पतालों और एजुकेशनल इंस्टीटूशन के भी मालिक है। वे मेरी पूरी शिक्षा का खर्च उठाएंगे।” कुछ देर बाद, अधिकारी ने छात्र से बायोमेट्रिक स्कैनर पर अपना दाहिना हाथ रखने को कहा। फिर, बिना किसी और सवाल के वीज़ा को तुरंत मंजूरी दे दी।
वीज़ा अधिकारी ने छात्र को बताया कि उसका पासपोर्ट सात दिनों में वापस कर दिया जाएगा। इस मंजूरी ने छात्र को उसके पहले ही प्रयास में सफल बना दिया। अब, वह अमेरिका में अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
Summary
चेन्नई वाणिज्य दूतावास में एक छात्र को पहले ही प्रयास में U.S. F-1 वीज़ा मिल गया। वह सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के गेम डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए आवेदन कर रहा था। यह इंटरव्यू सिर्फ दो मिनट का था, जिसमें उसके करियर गोल्स और फंडिंग के बारे में पूछा गया। इंटरव्यू के बाद वीजा को तुरंत मंजूरी मिल गई। वीजा ऑफिसर ने बताया की पासपोर्ट सात दिनों में वापस कर दिया जाएगा।
