कर्नाटक सरकार यूट्यूब चैनलों और अन्य डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म के लिए लाइसेंसिंग सिस्टम लागू करने पर विचार कर रही है। यह कदम ऑनलाइन जर्नलिज्म में अनेथिकल प्रैक्टिस को लेकर बढ़ती चिंता के बीच उठाया गया है। हाल ही में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (EMJA) ने सरकार से इस दिशा में सख्त कदम उठाने की मांग की है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए लाइसेंस की मांग
बता दें कि हुबली में EMJA के उद्घाटन समारोह
में CM सिद्धारमैया ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने यूट्यूब बेस्ड न्यूज़ प्लेटफॉर्म के लिए लाइसेंस की मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि टीवी चैनलों को संचालन के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फिलहाल कोई नियम लागू नहीं हैं। इसलिए उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि डिजिटल मीडिया के लिए भी स्पष्ट नियम बनाए जाएं।
एसोसिएशन ने कहा है कि कई यूट्यूबर और डिजिटल प्लेटफॉर्म झूठी और अपमानजनक खबरें फैला रहे हैं। इससे पत्रकारिता की छवि खराब हो रही है। हाल ही में, एक यूट्यूब वीडियो और सोशल मीडिया पर चर्चित एक विवाद ने इस समस्या को बढ़ा दिया है। ऐसे में इस विवाद ने नियम बनाने की मांग को और भी तेज कर दिया है।
फर्जी खबरों और मानहानि की चिंता
दरअसल यह पूरा विवाद एक धार्मिल विषय से संबंधित है। धर्मस्थल मंदिर प्रशासन ने इस विवाद से जुड़े हजारों पोस्ट और वीडियो हटाने के लिए बेंगलुरु की अदालत में शिकायत की है। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिना नियम के खबरें फैलने से गलत जानकारी लोगों तक पहुंचती है। इससे बोलने की आज़ादी का गलत फायदा उठाया जाता है। इन गलत खबरों से मंदिर और लोगों दोनों की छवि खराब होती है।
स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी
इस मुद्दे पर बात करते हुए, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बोलने की आज़ादी बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने कभी भी सही खबरें छापने वाले मीडिया पर कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बिना सही जानकारी के खबरें न फैलाएं। अटकलें और गलत खबरें फैलाना सही नहीं है।
इस प्रस्ताव के विरोध में कुछ लोग कहते हैं कि डिजिटल समाचार चैनलों के लिए लाइसेंस लेना सरकार का दखल बढ़ा सकता है। इससे स्वतंत्र आवाज़ें और आम लोगों की पत्रकारिता पर रोक लग सकती है। कई लोगों का मानना है कि सरकार के लाइसेंस देने की बजाय, खबरों की सही जांच, पारदर्शिता और प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
क्या होगा कर्नाटक सरकार का अगला कदम?
कर्नाटक सरकार ने अभी कोई समय तय नहीं किया है। लेकिन उन्होंने कहा है कि इस रिक्वेस्ट की ध्यान से जांच की जाएगी। डिजिटल मीडिया अब लाखों लोगों का मुख्य समाचार स्रोत बन चुका है। इसलिए नियम बनाने की बात पर डिबेट जारी है।
Summary:
कर्नाटक सरकार डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म और यूट्यूब चैनलों के लिए लाइसेंसिंग सिस्टम लागू करने पर विचार कर रही है। यह कदम फर्जी खबरों, मानहानि और अनैतिक पत्रकारिता को रोकने के लिए उठाया जा रहा है। EMJA ने सरकार से सख्त नियमों की मांग की है। हालांकि, कुछ लोगों को आशंका है कि इससे प्रेस की स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा। फिलहाल सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है।
