भारत सरकार के कुल कर्ज़ में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसमें चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 25% की बढ़त दर्ज की गई है। यह कुल ऋण 176 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो देश की वित्तीय स्थिति के प्रति चिंता पैदा कर रहा है। हालांकि बढ़ते कर्ज के बावजूद सरकार ने कहा है कि वह वित्तीय दायित्वों को हल करने के लिए निश्चित तौर पर आवश्यक कदम उठाएगी।

केंद्र सरकार के कर्ज में आई 25% बढ़ोत्तरी
जून 2024 तिमाही के अंत में केंद्र का कुल कर्ज 176 लाख करोड़ था, जो एक साल पहले के 141 लाख करोड़ रुपये से 25% अधिक हैं। यह तिमाही-दर-तिमाही 1.2 प्रतिशत की वृद्धि थी, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि से काफी कम थी।
इसके अतिरिक्त, विदेशी कर्ज 9.78 अरब रुपये रहा, जो पिछले साल इस अंतराल में 8.50 लाख करोड़ रुपये था। वही 149 लाख करोड़ रुपये के घरेलू ऋणों में से, बाजार उधारी (सरकारी बांड के माध्यम से) का हिस्सा 104.5 लाख करोड़ रुपए था। सरकार द्वारा लघु प्रतिभूति बचत के माध्यम से 27 मिलियन रुपये, ट्रेजरी बिल के माध्यम से 10.5 मिलियन रुपये और स्वर्ण बॉन्ड के माध्यम से 78,500 करोड़ रुपए जुटाए गए।
उधारी योजना में संभावित कटौती
वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 14.1 लाख करोड़ रुपये का उधारी लक्ष्य बरकरार रखते हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6.61 लाख करोड़ रुपये की उधारी योजना की घोषणा की है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस वित्त वर्ष में उधारी में कटौती कर सकती है। नोमुरा के अनुसार, खर्च में तेजी न दिखने के कारण इस साल सरकारी उधारी में कमी हो सकती है।
इसके साथ ही, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य इकोनॉमिस्ट गौरा सेन गुप्ता का मानना है कि राजकोषीय घाटा 4.9% के लक्ष्य से कम रहेगा, क्योंकि यह आम चुनाव का साल है। केंद्र ने इंडेक्स समावेशन से अतिरिक्त मांग के कारण जी-सेक आपूर्ति में कमी नहीं की है। सरकार अपने कुल राजस्व का 19% ब्याज भुगतान में खर्च करती है, जिसके लिए वित्त वर्ष 2025 में 11.6 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
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SUMMARY
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केंद्र सरकार के कर्ज में 25% की बढ़ोतरी हुई, जो 176 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। विदेशी कर्ज 9.78 लाख करोड़ और घरेलू कर्ज 149 लाख करोड़ रहा। उधारी योजना में 6.61 लाख करोड़ रुपये के साथ, वित्त विशेषज्ञ उधारी में संभावित कटौती का अनुमान लगा रहे हैं।
