बेंगलुरू में पीने के पानी का Non-Drinking उपयोग करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना, जल बोर्ड ने जारी की सख्त गाइडलाइंस!


Mohul Ghosh

Mohul Ghosh

Apr 07, 2025


सर्दियों का मौसम लगभग समाप्त हो गया है और देशभर के विभिन्न हिस्सों में गर्मियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए बेंगलुरू वॉटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस निर्णय के तहत, बोर्ड ने पीने के पानी को नॉन-ड्रिंकिंग उद्देश्यों के लिए उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। 

माना जा रहा है की सरकार के इस कदम के पीछे का उद्देश्य वाटर क्राइसिस से बचाव के साथ-साथ पानी की बचत को बढ़ावा देना है।

बैंगलोर में पेयजल के Non Drinking उपयोग पर प्रतिबंध

आपको बता दें की इस उल्लंघन के तहत 5,000 रुपये या उससे अधिक का जुर्माना लगाया गया है। अब तक, बेंगलुरु को पहले साल भर अच्छे मौसम के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में तापमान में अचानक वृद्धि देखी गई है, जो नए रिकॉर्ड बना रहा है।

इसके अलावा, BWSSB ने वाहनों की सफाई, गार्डनिंग, कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज, फॉउन्टेंस, सिनेमा थिएटरों और मॉल में (पीने के अलावा) पीने के पानी के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अब शहर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) से भी ज्यादा गर्मी पड़ रही है, जो बेंगलुरु की ठंडे मौसम वाली पहचान के लिए चुनौती बन कर सामने आ रहा है।

गर्मी बढ़ने से बेंगलुरु में जल संकट

बोर्ड के मुताबिक, यह कदम बेंगलुरु की बढ़ती जनसंख्या (1.40 करोड़ से ज्यादा) और घटते ग्राउंड वाटर लेवल को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। शहर में तापमान के बढ़ने के साथ, आने वाले समय में पीने के पानी की ज़रूरत और भी बढ़ने वाली है, जैसा कि बोर्ड ने बताया। वहीं, यह भी बताया जा रहा है की सोमवार को बेंगलुरु में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, पिछले साल गर्मियों में शहर को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए, कर्नाटक सरकार ने वॉटर सप्लाई को सुविधाजनक बनाने के लिए टैंकरों को अपने कण्ट्रोल में ले लिया था।

बेंगलुरु में बढ़ते तापमान का प्रभाव

बेंगलुरु शहर को हर दिन करीब 1450 MLD (मिलियन लीटर प्रति दिन) की जरूरत होती है, जो कावेरी नदी से सप्लाई किया जाता है, और इसके अलावा, ग्राउंडवाटर से लगभग 700 मिलियन लीटर अतिरिक्त पानी की भी आवश्यकता होती है।

बताते चलें की पिछले कुछ सालों में बेंगलुरू का टेम्परेचर 2.7 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है, जो मौसम में बड़े बदलाव को दिखाता है। वही 17 फरवरी, 2025 को बेंगलुरू में सबसे गर्म दिन देखा गया, जब तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दिल्ली की बात करें तो वहां का अधिकतम तापमान केवल 27 डिग्री सेल्सियस था, जो इस आम धारणा से बिल्कुल विपरीत है कि उत्तरी शहरों में मौसम ज़्यादा गर्म होता है।

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                                       SUMMARY

बेंगलुरू में बढ़ते तापमान और जल संकट को देखते हुए, जल बोर्ड द्वारा पीने के पानी का नॉन ड्रिंकिंग उद्देश्यों के लिए उपयोग पर प्रतिबंध एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय पानी की बचत और जल संकट से निपटने के लिए आवश्यक है। शहर की बढ़ती जनसंख्या और घटते ग्राउंडवाटर लेवल को ध्यान में रखते हुए, यह कदम भविष्य में वाटर सप्लाई को सुनिश्चित करेगा।


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