कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरू के पास KWIN (नॉलेज, वेलबीइंग एंड इनोवेशन सिटी) नामक एक शहर लॉन्च किया है। इस सिटी को लॉन्च करने के पीछे का उद्देश्य राज्य को ज्ञान, समृद्धि और नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करना है। कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह “KWIN सिटी” कर्नाटक के भविष्य की साहसिक रचना का प्रतिनिधित्व करती है। यह ज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल, नवाचार और अनुसंधान का एक आधुनिक केंद्र साबित होगा।

क्या है KWIN सिटी का उद्देश्य?
बता दें की इस परियोजना का लॉन्च करने का लक्ष्य कर्नाटक की राजधानी से सुलभ दूरी के भीतर सभी क्षेत्रों में समान विकास व अवसरों के लिए बेंगलुरु के समान ही एक शहर को विकसित करना है। इन सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने डोड्डासपेट और डोड्डाबल्लापुर के बीच के क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है। बेंगलुरु से लगभग 60 किमी दूर इस शहर का निर्माण सैटेलाइट टाउन रिंग रोड (STRR) पर 2,000 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा।
KWIN सिटी की प्रमुख विशेषताएं क्या होगी ?
KWIN सिटी मुख्य रूप से शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्ट-अप, और ग्लोबल हेल्थ सेंटर्स को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान कर सकते हैं। खासकर वाणिज्य और उद्योग सेक्टर इस परियोजना को लागू कर रहा है। चूंकि यह बेंगलुरु के सामान्य यातायात से दूर स्थित है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक इसकी पहुंच को देखते हुए इसके निवेशकों को आकर्षित करने की संभावना है। डोड्डाबल्लापुर के आसपास एक नई रियल एस्टेट बूम की उम्मीद है, क्योंकि केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा KWIN शहर से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है।
मंत्री एमबी पाटिल ने साझा की जानकारी
कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल ने कुछ समय पहले कहा था कि KWIN सिटी राज्य की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला है। उन्होंने कहा “राज्य की आर्थिक गतिविधि बढ़ रही है और इसे निवेश आकर्षित करने की आवश्यकता है। कर्नाटक अपनी सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए जाना जाता है और आगे इसे अधिक विस्तारित करेगा।”
वैश्विक खिलाड़ियों को भी टैलेंट ढूंढने के लिए बेंगलुरु के इस नए शहर से बेहतर विकल्प नहीं मिलेगा। जिससे राज्य की जीडीपी में निश्चित रूप से बढ़ोतरी मिलेगी। श्री पाटिल ने आगे कहा कि इस परियोजना से सभी चार क्षेत्रों में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 80,000 नई नौकरियां पैदा होंगी।
