बेंगलुरु से हैदराबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (Bengaluru–Hyderabad Bullet Train project) का काम अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) अभी सर्वे और रूट तय करने पर काम कर रहा है। वही राइट्स लिमिटेड (RITES Limited) इस प्रोजेक्ट की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रही है।
उम्मीद है कि DPR, मार्च 2026 तक रेलवे बोर्ड को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट को कैबिनेट समिति से मंजूरी मिलते ही टेंडर भी जारी किए जाएंगे।

सिर्फ 2 घंटे में पूरी होगी 19 घंटे की दूरी
फिलहाल बेंगलुरु से हैदराबाद तक ट्रेन से सफर में करीब 19 घंटे लगते हैं। यह दूरी लगभग 626 किलोमीटर है। हाई-स्पीड रेल शुरू होने के बाद यही सफर सिर्फ दो घंटे में पूरा हो सकेगा। यह बदलाव बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे दो बड़े तकनीकी और कारोबारी शहरों के बीच यात्रा करने वालों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
लैंड एक्विजिशन बनी बड़ी चुनौती
भले ही इस प्रोजेक्ट पर तकनीकी काम तेजी से चल रहा हो लेकिन लैंड एक्विजिशन अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य PR ऑफिसर ए. श्रीधर ने बताया कि कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सरकारों का सहयोग जरूरी होगा। अगर कुछ इलाकों में ज़मीन को लेकर विवाद हुए, तो रूट में बदलाव करना पड़ सकता है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट की टाइमलाइन पर असर होगा।
राजनीतिक दबाव से बुलेट ट्रेन को मिली रफ्तार
बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रेलवे अधिकारियों से बेंगलुरु-हैदराबाद और हैदराबाद-चेन्नई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को नई रफ्तार मिली है। इसके साथ ही, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी दक्षिण भारत में एक बड़ा बुलेट ट्रेन नेटवर्क बनाने का सुझाव दिया है। उनका मानना है कि इस नेटवर्क के चलते कई बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
बेंगलुरु-हैदराबाद की सुपरफास्ट ट्रेन
बताते चलें की बेंगलुरु-हैदराबाद बुलेट ट्रेन में अहमदाबाद-मुंबई प्रोजेक्ट जैसा ही डिजाइन किया जाएगा। ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 kmph होगी। वहीं ट्रेन की सामान्य रफ्तार 320 kmph होगी। माना जा रहा है कि यह हाई-स्पीड ट्रेन दक्षिण भारत के पैसेंजर्स को न केवल तेज़ बल्कि आरामदायक सफर का अनुभव देगी।
Summary:
बेंगलुरु-हैदराबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है। दक्षिण मध्य रेलवे अंतिम सर्वे और रूट तय कर रहा है। मार्च 2026 तक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को दी जाएगी। फाइनल अप्रूवल के बाद टेंडर जारी किया जाएगा। इस हाई-स्पीड ट्रेन से 626 किलोमीटर का सफर 19 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे में पूरा होगा। राजनीतिक समर्थन से काम में तेजी आई है। लैंड एक्विजिशन फिलहाल एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
