बांग्लादेश बवाल का Indian Market पर भी दिखेगा असर? जानिए क्या-क्या हो सकता है प्रभावित 


Mohul Ghosh

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Aug 11, 2024


बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गंभीर रूप लेता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रधान मंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, साथ ही भारत प्रस्थान कर लिया है। ऐसे में बांग्लादेश की राजनीतिक उथल-पुथल का असर पड़ोसी देश भारत के निर्यात, व्यापार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भी पड़ सकता है। बांग्लादेश का नेतृत्व फिलहाल सेना के हाथों में है और निकट भविष्य में एक अंतरिम गवर्नमेंट बनाने की चर्चा चल रही है। 

बांग्लादेश बवाल का Indian Market पर भी दिखेगा असर? जानिए क्या-क्या हो सकता है प्रभावित 

इस राजनीतिक अशांति का असर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। इस बीच भारतीय कपड़ा निर्माताओं के शेयरों में मंगलवार को बढ़ोतरी हुई क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि बांग्लादेश के विश्वव्यापी कपड़ा केंद्र पर संकट के प्रभाव से उनके कारोबार में उछाल देखने को मिल सकता है।

Exports में दर्ज कि गई गिरावट

पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति ने भारत के साथ उसके द्विपक्षीय बिजनेस पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।।

आपको बता दें,  साल 2021-22 में भारत का बांग्लादेश निर्यात 16.2 बिलियन डॉलर था। हालांकि वर्ष 2023-24 में लगभग 31.5 प्रतिशत से घटकर 11.1 बिलियन डॉलर हो गया। इतना ही नहीं, बांग्लादेश से आयात भी पिछले वित्त वर्ष में घटकर 1.84 बिलियन डॉलर रह गया, जो 2022-23 में 2 बिलियन डॉलर था।

भारत से सब्जियाँ, कॉफ़ी, चाय, मसाले, चीनी, कन्फेक्शनरी, रिफाइंड पेट्रोलियम तेल, केमिकल, कॉटन, लोहा व  वाहन इत्यादि एक्सपोर्ट किया जाता है। वही प्लास्टिक, चमड़ा, मछली और कपड़े सहित कई वस्तुएँ इम्पोर्ट की जाती हैं।

भारत को टेक्सटाइल में हो सकता है फायदा

बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवा प्रदान करने वाला एक प्रमुख कपड़ा केंद्र है। कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि बांग्लादेश में मौजूदा अशांति भारतीय कपड़ा और टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक नया अवसर हो सकती है।

इस संदर्भ में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “कारखानों के जलने से बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि टेक्सटाइल सेक्टर का ज्यादातर हिस्सा अवामी लीग पार्टी (शेख हसीना) से जुड़े कारोबारियों का है।”

उन्होंने आगे कहा, “इस परिस्तिथि में, भारत इस कमी को पूरा कर सकता है और विकसित देशों के लिए टेक्सटाइल सप्लायर बन सकता है। हालांकि इसके लिए उसे कुछ कीमत चुकानी होगी।” 

 बांग्लादेश में भारतीयों द्वारा कई कारखाने चलाए जाते हैं। ऐसे में यदि यह संकट बढ़ता है, तो इन सभी फैक्ट्रीज को भारत में शिफ्ट करना होगा।


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