क्या आपके पास भी है Bajaj Allianz Policy? 1 सितंबर से पहले जरूर जान लें यह जरूरी खबर!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Aug 26, 2025


1 सितंबर से बजाज आलियांज हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा बंद हो सकती है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (AHPI) ने देशभर के 15,000 से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल्स को सलाह दी है कि वे बजाज आलियांज (Bajaj Allianz) के मरीजों को कैशलेस ट्रीटमेंट न दें।

बता दें की इस लिस्ट में मैक्स हेल्थकेयर और मेदांता जैसी देश की प्रमुख अस्पताल चेन भी शामिल हैं। इस स्थिति में मरीजों को इलाज के लिए पहले खुद पैसे चुकाने होंगे। बाद में वे यह पैसा इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम करके वापस ले सकेंगे ।ऐसे में इलाज का खर्च सीधे मरीज या उनके परिवार को उठाना पड़ सकता है।

कैशलेस मॉडल अस्पतालों के लिए बन रहा है बोझ

अस्पतालों का कहना है कि कैशलेस ट्रीटमेंट अब उनके लिए घाटे का सौदा बनता जा रहा है। जहां हर साल 7-8% की रेट से मेडिकल खर्च बढ़ रहा है, वही पुराने रेट अभी भी लागू हैं। इसके अलावा, क्लेम सेटलमेंट में देरी और बीमा कंपनी की मनमानी कटौती भी बड़ी समस्या है।

अस्पतालों का तर्क है कि कम रेट वाले पुराने कॉन्ट्रैक्ट अब इफेक्टिव नहीं हैं। इससे न केवल अस्पतालों को नुकसान हो रहा है, बल्कि मरीजों की देखभाल में भी समझौता करना पड़ रहा है।

AHPI पिछले कई सालों से ट्रीटमेंट चार्ज रिव्यू करने की डिमांड कर रहा है। लेकिन बजाज आलियांज (Bajaj Allianz) लगातार दाम कम करने पर ही जोर दे रहा है।

पॉलिसीधारकों को बड़ा झटका

AHPI का यह कदम पॉलिसीहोल्डर्स के लिए चिंताजनक साबित हो सकता है। कैशलेस ट्रीटमेंट के बिना मरीज और उसके परिवार आर्थिक दबाव बढ़ सकता है। खासकर उन मामलों में जहां महंगी सर्जरी या ICU की जरूरत होती है। इससे न केवल आर्थिक तंगी बढ़ेगी, बल्कि ट्रीटमेंट में भी डिले हो सकता है। देखा जाए तो, इससे स्वास्थ्य बीमा का सबसे बड़ा फायदा खत्म हो सकता है।

बीमा कंपनियों ने जताया विरोध

बजाज आलियांज ने इस फैसले पर आश्चर्य जताया है। कंपनी ने कहा है कि वह अपने क्लाइंट्स को सही सर्विस और तेज क्लेम सेटलमेंट देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना चाहते हैं। कंपनी ने सुनिश्चित किया है की वे इस विवाद को जल्द-से-जल्द सुलझाने के लिए अस्पतालों से लगातार संपर्क में हैं। 

कैशलेस इलाज पर उठे सवाल

अस्पताल और बीमा कंपनियों के बीच टकराव अब बढ़ता जा रहा है। इलाज की कॉस्ट हर साल बढ़ रही है। लेकिन इश्योरेंस कंपनी उसी हिसाब से भुगतान नहीं कर रहीं। ऐसे में AHPI ने अब केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी नोटिस भेजा है। देखा जाए तो इन हालातों में पॉलिसी होल्डर्स बीच में फंसे हुए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ज़रूरत पड़ने पर उनका बीमा काम आएगा या नहीं।

Summary:

1 सितंबर से बजाज आलियांज हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारकों को कैशलेस इलाज की सुविधा बंद हो सकती है। AHPI ने 15,000 से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों को यह सेवा रोकने की सलाह दी है। अस्पतालों का कहना है कि बढ़ती लागत और पुराने रेट के कारण कैशलेस ट्रीटमेंट घाटे का सौदा बन गया है। इससे मरीजों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा और इलाज में देरी हो सकती है। पॉलिसी होल्डर्स के बीच फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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