USA, जर्मनी और कनाडा के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया भी भारतीय छात्रों के बीच हायर एजुकेशन के लिए एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन रहा है। हालांकि अब कुछ भारतीय छात्रों के लिए वहां पढ़ाई का सपना अधूरा रह सकता है। दरअसल हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटी ने एक अहम फैसला लेते हुए छह राज्य के छात्रों के एडमिशन पर टेम्परेरी बैन लगाने का फैसला लिया है।

बताया जा रहा है कि यह कदम फ्रॉड और ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन सिस्टम के दुरुपयोग को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते उठाया गया है। ऐसे में फॉरेन एजुकेशन से जुड़ें लोग और छात्रों के बीच तनाव की स्थिति बढ़ गई है।
इन छह राज्यों के छात्रों पर पड़ा असर
ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटीज के इस कदम ने खास तौर पर भारत के छह राज्यों के छात्रों को प्रभावित किया है, इसमें शामिल है-
- पंजाब
- गुजरात
- राजस्थान
- हरियाणा
- उत्तर प्रदेश
- जम्मू और कश्मीर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन राज्यों से आने वाले स्टूडेंट्स के एप्लीकेशन में फर्जीवाड़े की आशंका बताई जा रही है। कुछ यूनिवर्सिटीज़ या तो डायरेक्ट इन एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर रही हैं या फिर इन स्टेट्स से आने वाले स्टूडेंट्स को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की सख्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में इन छात्रों का ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने का रास्ता फिलहाल मुश्किल दिखाई दे रहा है।
इस कदम के पीछे क्या है मुख्य कारण?
कुछ अधिकारियों का कहना है कि कई आवेदक शिक्षा की आड़ में ऑस्ट्रेलिया का स्टूडेंट वीज़ा केवल इमीग्रेशन के उद्देश्य से इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बढ़ती चिंता ने यूनिवर्सिटी को सतर्क किया है साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ होम अफेयर्स को भी वीज़ा प्रोसेस को और सख्त बनाने करने के लिए प्रेरित किया है।
डेक्कन क्रॉनिकल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे इस सिस्टम का गलत इस्तेमाल हो रहा है, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र की प्रतिष्ठा पर संकट आ सकता है।
भारतीय छात्रों पर क्या होगा प्रभाव?
ऑस्ट्रेलिया अभी भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए पसंदीदा जगह बना हुआ हैं। ऐसे में यह निर्णय उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका है, जो योग्य है और ईमानदारी से पढ़ाई करना चाहते है। भारतीय शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कई योग्य छात्र इस बैन के चलते परेशान हैं।
इसके अलावा, यह स्थिति अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प के स्ट्रिक्ट वीज़ा पॉलिसी के बाद और भी सख्त होती जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में भारतीय छात्रों के लिए विदेश में एजुकेशन लेने के ऑप्शंस और भी कम होते नजर आ रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के वीज़ा नियमों में बड़ा बदलाव
बताते चलें वीज़ा आवश्यकताओं में वृद्धि ऑस्ट्रेलिया की माइग्रेशन कंट्रोल नीति का हिस्सा है। इसके तहत 10 मई से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को वीज़ा के लिए क्वालीफाई करने के लिए कम से कम A$29,710 (यानि करीब ₹16.3 लाख) की सेविंग्स दिखानी होंगी, जो पहले A$24,505 थी। ऑस्ट्रेलिया की मिनिस्टर (Home Affairs Minister) क्लेयर ओ’नील ने साफ कहा है कि कुछ फर्जी संस्थाएं सिस्टम को खराब कर रही हैं और उन्हें हटाना जरूरी है।
___________________________________________________________
SUMMARY
ऑस्ट्रेलिया की कुछ यूनिवर्सिटीज़ ने भारतीय छात्रों के लिए छह राज्यों- पंजाब, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर से आने वाले स्टूडेंट्स के एडमिशन पर टेम्परेरी बैन लगा दिया है। यह कदम वीज़ा फ्रॉड और शिक्षा सिस्टम के गलत इस्तेमाल की चिंताओं के कारण उठाया गया है। इस फैसले से कई योग्य छात्रों और भारत-ऑस्ट्रेलिया शिक्षा संबंधों पर असर पड़ सकता है।
