फरवरी में बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने मेट्रो के किराए में बड़ा बदलाव किया। ऐसे में अब यह फेयर 71% तक बढ़ाया गया। जिससे Namma Metro देश की सबसे महंगी मेट्रो बन गई। नई रेट के मुताबिक, मिनियम फेयर ₹10 और मैक्सिमम ₹90 तय किया गया है। यह बदलाव किराया निर्धारण समिति (FFC) के सुझाव के आधार पर किया गया है।

कमेटी ने यह भी सुझाव दिया है कि हर साल किराए में ऑटोमैटिक बढ़ोतरी की जाए ताकि मेट्रो की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहे।
हर साल 5% किराया बढ़ाने की सिफारिश
माना जा रहा है कि मेट्रो की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए हर साल किराया बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। किराया निर्धारण समिति (FFC) ने सिफारिश की है कि अगली समिति के गठन तक किराए में सालाना 5% की बढ़ोतरी की जाए। अगर यह नियम लागू होता है, तो अगला इंक्रीमेंट फरवरी 2026 में होगी। इस बीच BMRCLने इस रिपोर्ट को सात महीने तक पब्लिकली जारी नहीं किया। आखिरकार मामला हाईकोर्ट जाने के बाद, गुरुवार को रिपोर्ट सामने आई।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि BMRCL ने शुरू में 105% तक किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। यह पिछले साढ़े सात सालों में एवरेज 14.02% एनुअल इंक्रीमेंट के बराबर है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि क्या BMRCL इस सिफारिश को मानता है या नहीं।
लगातार घाटे में BMRCL, किराया न बढ़ा तो बढ़ेगा दबाव
इस मामले में FFC को सौंपी गई रिपोर्ट में BMRCL ने अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जताई है। कंपनी ने कहा है कि वह कई सालों से लगातार घाटे में है। BMRCL ने कहा कि बिना किराया बढ़ाए, ब्याज का बढ़ता बोझ कंपनी को गंभीर संकट में डाल सकता है।
फाइनेंशियल रिकॉर्ड बताते हैं कि 2019-20 में कंपनी को ₹641 करोड़ का घाटा हुआ था। यह 2020-21 में महामारी के चलते बढ़कर ₹905 करोड़ हो गया। वही 2023-24 की बात की जाए तो यह लॉस घटकर ₹627 करोड़ रहा। दरअसल BMRCL को 2025-26 में ब्याज चुकाने के लिए ₹775 करोड़ की आवश्यकता होगी। अनुमान है कि यह अमाउंट 2029-30 तक बढ़कर ₹2,776 करोड़ पहुंच जाएगा।
गौरतलब है कि आखिरी बार मेट्रो का किराया 2017 में बढ़ाया गया था। इसका मतलब है कि लगभग आठ सालों में बढ़ती कॉस्ट के बावजूद फेयर में को बढ़ोतरी नहीं हुई।
किराया बढ़ोतरी में यात्रियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
बताते चलें कि FFC ने 51.5% तक किराया बढ़ाने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कि बिजली, स्टाफ सैलरी, मेंटेनेंस और लोन चुकाने की कॉस्ट तेजी से बढ़ रही है। मेट्रो किराया बढ़ाने को लेकर अक्टूबर 2024 में पब्लिक कंसल्टेशन प्रोग्राम भी आयोजित किया गया था। जिसके बाद FFC को टोटल 1,126 सुझाव मिले। इस लिस्ट में 843 ईमेल और 283 व्हाट्सएप मैसेज शामिल थे।
इस बीच पैसेंजर्स के मिले-जुले रिएक्शंस देखने को मिले। जहां 27% यात्रियों ने किराया बढ़ाने को सही बताया। वहीं, 51% ने इसका विरोध किया। कुछ सुझावों में यह मांग भी की गई कि मासिक और स्टूडेंट पास शुरू किए जाएं। रविवार और छुट्टियों पर फ्री ट्रेवल दिया जाए। इसके अलावा, ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने, स्टेशनों पर बैठने की व्यवस्था बेहतर करने और समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने जैसे सुझाव भी शेयर किए गए।
पब्लिक डिमांड पर FFC की प्रतिक्रिया
किराया बढ़ोतरी के बीच यात्रियों ने कई सुझाव और मांगें रखीं। आइए जानते है, इन डिमांड्स पर क्या रही FFC की प्रतिक्रिया-
• 20% की छूट
यात्रियों की मांग थी कि भीड़ कम होने वाले समय में 20% तक की छूट दी जाए। FFC ने केवल 5% छूट पर विचार किया।
• स्मार्ट कार्ड में मिनिमम बैलेंस की शर्त हटाना
आयोग ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया।
• सीनियर सिटीजन्स और हैंडीकैप के लिए कम किराया
कमेटी ने इस डिमांड मांग को अव्यवहारिक बताया गया। FFC ने कहा कि इसके लिए तकनीकी अपग्रेड की ज़रूरत होगी, जो एक महंगा प्रोसेस है।
• साधारण बसों के बराबर मेट्रो किराया
पब्लिक की इस सिफारिश को भी खारिज किया गया। FFC का तर्क था कि मेट्रो सर्विस की क्वालिटी, बसों से बेहतर है।
• आधार कार्ड के ज़रिए फैमिली या ग्रुप डिस्काउंट
25 या उससे ज़्यादा लोगों के ग्रुप के लिए पहले से यह सुविधा मौजूद है।
• रविवार और नेशनल हॉलिडे पर फ्री यात्रा
FFC ने फ्री यात्रा की बजाय इन दिनों पर विशेष डिस्काउंट देने का सुझाव दिया।
Summary:
BMRCL ने फरवरी में नम्मा मेट्रो का किराया 71% तक बढ़ाया। ऐसे में यह देश की सबसे महंगी मेट्रो बन गई है। FFC ने हर साल 5% वृद्धि की सिफारिश की है। रिपोर्ट के अनुसार, लगातार घाटे में चल रही मेट्रो को वित्तीय संकट से बचाने के लिए यह कदम ज़रूरी बताया गया। हालांकि, किराया बढ़ोतरी को लेकर यात्रियों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं है। FFC ने जनता के कुछ सुझावों को तर्क सहित खारिज कर दिया।
