2024 के डेटा विश्लेषण के अनुसार, प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियों द्वारा H-1B वीजा स्पॉन्सरशिप में काफी गिरावट देखने को मिली है। Amazon, Infosys, Google और IBM जैसी दिग्गज कंपनियों ने H-1B वीजा की संख्या कम की है, जो अमेरिकी रोजगार परिदृश्य में बदलाव का संकेत देती है। जहां भारतीय नागरिकों का दबदबा इस श्रेणी में अभी भी बरकरार है, वही कई कंपनियां डोमेस्टिक रिक्रूटमेंट और ग्रीन कार्ड स्पॉन्सरशिप पर ज्यादा जोर दे रही हैं।

H-1B वीजा की भूमिका में बदलाव
आपको बता दें की 2023 में H-1B वीजा प्राप्त करने वालों में भारतीय नागरिकों का हिस्सा 72% से ज्यादा था, लेकिन 2024 के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी कंपनियाँ अब इस वीजा पर अपनी निर्भरता कम करती दिखाई दे रही हैं। यह बदलाव पिछले कुछ वर्षों में अमेज़न और गूगल जैसी कंपनियों के H-1B वीजा आवेदन में आई वृद्धि के उलट है। अब कई भारतीय IT कंपनियाँ घरेलू भर्ती और ग्रीन कार्ड प्रायोजन पर अधिक ध्यान दे रही हैं, जिससे यह साफ़ होता है कि वे अपने रणनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव ला रही हैं।
Top 10 H-1B वीज़ा प्रदान करने वाली कंपनी
USCIS के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में सबसे अधिक H-1B वीजा स्पोंसर करने वाली टॉप 10 कंपनियों पर एक नज़र डालते हैं-
1) Amazon Com Services LLC
9,265 अप्रूवल
2) Infosys Limited
8,140 अप्रूवल
3) Cognizant Technology Solutions
6,321 अप्रूवल
4) Google LLC
5,364 अप्रूवल
5) Tata Consultancy Services Limited
5,274 अप्रूवल
6) Meta Platforms Inc
4,844 अप्रूवल
7) Microsoft Corporation
4,725 अप्रूवल
8) Apple Inc
3,873 अप्रूवल
9) HCL America Inc
2,953 अप्रूवल
10) IBM Corporation
2,906 अप्रूवल
H-1B वीजा स्पॉन्सरशिप में कमी
बताते चलें की साल 2024 में H-1B वीजा प्रायोजन में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। USCIS के नए डेटा से यह स्पष्ट हुआ है कि H-1B वीजा अप्रूवल में गिरावट आई है। Amazon, जो सबसे बड़ा स्पोंसर है, ने 2023 में 11,000 वीजा से घटाकर 2024 में लगभग 7,000 वीजा अप्प्रूव किए हैं। अमेरिका में बड़े पैमाने पर संचालन करने वाली भारतीय कंपनियां, जैसे Infosys और TCS ने भी इस साल H-1B वीजा स्पॉन्सरशिप में कमी की है।
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SUMMARY
2024 में H-1B वीजा प्रायोजन में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है, खासकर प्रमुख अमेरिकी कंपनियों जैसे Amazon, Infosys, Google और IBM द्वारा। जबकि भारतीय नागरिकों का दबदबा बना हुआ है, कंपनियां अब घरेलू भर्ती और ग्रीन कार्ड प्रायोजन पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। USCIS के आंकड़ों के मुताबिक, Amazon और भारतीय कंपनियों जैसे Infosys और TCS ने वीजा प्रायोजन में कमी की है।
