हाल ही में महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता आयोग (Maharashtra State Consumer Commission) ने एक अहम फैसला सुनाया है। ये मामला नवी मुंबई के एक कपल का है। जिनसे एक एयरलाइन ने बिना वजह अतिरिक्त पैसे लिए। जबकि सीटें फ्री उपलब्ध थीं। ऐसे में कमीशन ने एयरलाइन के खिलाफ पहले का फैसला सही बताया।

आइए जानते है क्या है ये पूरा मामला-
दंपत्ति को गुमराह करने पर एयरलाइन पर जुर्माना
डॉ. नंदी और उनकी पत्नी ने 26 अगस्त, 2017 को मुंबई से न्यूयॉर्क के लिए टिकट बुक किया था। उनकी वापसी 15 सितंबर, 2017 को थी। डॉ. नंदी को हेल्थ इश्यूज के चलते पास वाली सीटें चाहिए थीं। जब उन्होंने एयरलाइन से पूछा, तो उन्हें बताया गया कि फ्लाइट से 48 घंटे पहले ही कुछ सीटें उपलब्ध होंगी। ऐसी सीटों की गारंटी नहीं दी गई। इस जानकारी के बाद, दंपत्ति ने 7,200 रुपये देकर वेब चेक-इन से सीटें बुक कराई।
एयरलाइन की गलत जानकारी पर मिला मुआवजा
दरअसल एयरपोर्ट पर पहुंचने पर डॉ. नंदी और उनकी पत्नी को यह पता चला कि कई पैसेंजर्स को मुफ्त सीटें मिली थीं। इससे यह साफ हुआ कि एयरलाइन ने उन्हें गुमराह किया था। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट कंस्यूमर कमीशन में शिकायत की। आयोग ने एयरलाइन को 7,200 रुपये, 6% इंटरेस्ट के साथ वापस करने का आदेश दिया।
इसके अलावा, मानसिक तनाव के लिए 5,000 रुपये और मुकदमे के खर्च के लिए 3,000 रुपये देने का आदेश दिया। इस बीच महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता आयोग ने 25 सितंबर, 2025 को इस फैसले को सही बताया।
एयरलाइन की गलत जानकारी ने कपल को किया परेशान
कमीशन ने कहा कि इस कपल को सीधे सीट बुक करने के लिए मजबूर नहीं किया गया। लेकिन गलत जानकारी के चलते उन्हें न चाहते हुए भी एक्स्ट्रा पैसों का भुगतान करना पड़ा। एयरलाइन ने माना कि सीट बुकिंग ऑप्शनल थी। फिर भी, टिकट खरीदते समय यात्रियों को मुफ्त सीटों के बारे में नहीं बताया गया।
कानूनी विशेषज्ञों ने एयरलाइनों को दी चेतावनी
इस मामले पर लीगल एक्सपर्ट्स ने कहा कि यह फैसला एयरलाइनों को कड़ी चेतावनी देता है। कोई भी एयरलाइन कंपनी इस तरह पैसेंजर्स पर एक्स्ट्रा पे करने का दबाव नहीं डाल सकते। फैसले में यह भी कहा गया है कि उपभोक्ताओं को सभी सर्विसेज के बारे में पूरी जानकारी मिलनी चाहिए। एयरलाइनों को ऐसे तरीकों से बचना चाहिए।
Summary:
महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता आयोग ने एयरलाइन के खिलाफ फैसला सुनाया। नवी मुंबई के एक दंपत्ति से अतिरिक्त पैसे लिए गए थे। जबकि सीटें फ्री में उपलब्ध थीं। कमीशन ने एयरलाइन को 7,200 रुपये वापस करने का आदेश दिया। इसके साथ ही मानसिक तनाव और मुकदमे के खर्च के लिए मुआवजा भी दिया। कानूनी विशेषज्ञों ने एयरलाइन को सही जानकारी देने की सलाह दी।
