आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। नौकरियों पर भी इसका गंभीर असर दिखा रही हैं। Generative AI की वजह से हर महीने हजारों नौकरियां जा रही हैं। फिलहाल अमेरिका का जॉब मार्केट वैश्विक संकट से जूझ रहा है, ऐसे में AI एक और चुनौती बनकर उभर रहा है। इस हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में आउटप्लेसमेंट फर्म चैलेंजर, ग्रे एंड क्रिसमस ने चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ जुलाई महीने में 10,000 से ज्यादा नौकरियां छीन गई है।

AI के बढ़ते प्रभाव से जॉब्स पर संकट
बता दें की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि इस साल नौकरी छिनने के बड़े कारणों में AI भी शामिल है। शुक्रवार को जारी लेबर स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक, जुलाई में एम्प्लॉयर सिर्फ 73,000 नौकरियां दे पाए। यह संख्या एक्सपर्ट्स की उम्मीदों से काफी कम है। इसके अलावा, कुछ कंपनियों ने जुलाई तक प्राइवेट सेक्टर में 806,000 से ज्यादा नौकरियों में कटौती की योजना बनाई है।
टेक इंडस्ट्री पर छंटनी का सीधा असर पड़ा है। निजी कंपनियों ने अब तक 89,000 से ज्यादा नौकरियों में कटौती की घोषणा की है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 36 % ज्यादा है। आउटप्लेसमेंट फर्म चैलेंजर, ग्रे एंड क्रिसमस की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 से अब तक 27,000 से अधिक नौकरियों पर सीधा असर AI की वजह से पड़ा है।
AI और वीज़ा संकट से बदली इंडस्ट्री की तस्वीर
AI और वीज़ा से जुड़ी परेशानियों ने इंडस्ट्री की तस्वीर बदल दी है। इसकी वजह से काम करने वालों की संख्या में कमी आई है। करियर प्लेटफॉर्म Handshake की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, AI का सबसे बड़ा असर उन युवाओं पर पड़ा है, जो फिलहाल नौकरी की तलाश में हैं। कॉलेज से हाल ही में ग्रेजुएट हुए युवाओं के लिए कॉर्पोरेट की एंट्री-लेवल नौकरियां कम हो गई हैं । पिछले एक साल में इन नौकरियों में करीब 15% की गिरावट दर्ज की गई है।
AI का ज़िक्र जॉब पोस्टिंग में 400% तक बढ़ा
रिपोर्ट्स में यह भी खुलासा हुआ की पिछले दो सालों में जॉब डिस्क्रिप्शन में ‘AI’ शब्द का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। AI अब सिर्फ टेक जॉब्स तक सीमित नहीं है। हर सेक्टर में इसकी डिमांड बढ़ रही है। पिछले महीने द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक अहम रिपोर्ट पब्लिश की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, फोर्ड के CEO जिम फ़ार्ले ने कहा कि अमेरिका में लगभग आधे ‘वाइट कॉलर वर्कर’ AI से रिप्लेस हो रहे हैं।
रोज़गार नहीं, अब सॉफ्टवेयर में भरोसा
एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल AI रोजगार बाजार को सीधे नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है। अमेरिका की टैरिफ नीतियां और बढ़ती महंगाई ने कंपनियों को दबाव में डाल दिया है। इस अनिश्चित आर्थिक माहौल में कई कंपनियां लागत कम करने की कोशिश कर रही हैं।
यही वजह है कि नौकरियों में कटौती हो रही है। दूसरा कारण यह भी है कि कंपनियां अब नए कर्मचारियों को रखने के बजाय AI सॉफ्टवेयर में निवेश कर रही हैं।
‘द जोश’ बर्सिन कंपनी वर्कफोर्स कंसल्टेंसी के सीईओ जोश बर्सिन ने एक मीडिया बातचीत में कहा, इन एआई टूल्स को खरीदने के लिए मूल रूप से एक खाली चेक दिया जाता है। ऐसे में जॉब मार्केट में नेगेटिव इम्पैक्ट आया है।
Summary
AI के बढ़ते इस्तेमाल से नौकरियों पर खतरा बढ़ गया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि Generative AI की वजह से हर महीने हजारों लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं। सिर्फ जुलाई में ही 10,000 से ज्यादा नौकरियां चली गई। टेक सेक्टर पर इसका सबसे ज़्यादा असर पड़ा है। कंपनियां खर्च बचाने के लिए AI अपना रही हैं। सबसे ज़्यादा असर युवाओं और शुरुआती नौकरियों पर हो रहा है।
