शर्मनाक! 2024 में 66% भारतीय व्यवसायों ने सरकारी अधिकारियों को दी रिश्वत, सर्वे में हुआ खुलासा!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Dec 15, 2024


लोकलसर्किल्स द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में  चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस सर्वे के मुताबिक, पिछले साल 66% भारतीय व्यवसायों ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी है। इनमें से जहां 54% व्यवसायों को रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया वही 46% ने प्रोसेस को तेजी से निपटाने के लिए स्वेच्छा से भुगतान किया।

कम्प्यूटरीकरण के बावजूद भ्रष्टाचार का स्तर कम नहीं हुआ है, विशेषकर अनुपालन, लाइसेंसिंग और स्वामित्व के मामलों में। कंपनियों का कहना है कि उन्हें जीएसटी, स्वास्थ्य और नगर निगम जैसे विभागों से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शर्मनाक! 2024 में 66% भारतीय व्यवसायों ने सरकारी अधिकारियों को दी रिश्वत, सर्वे में हुआ खुलासा!

व्यवसायों के लिए एक नई चुनौती

भारत में चल रहे सुधारों के बावजूद, रिश्वत अब भी व्यवसायों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। आपको बता दें की लोकलसर्किल्स द्वारा 22 मई से 30 नवंबर, 2024 तक किए गए सर्वेक्षण में 159 जिलों से 18,000 व्यवसायों के जवाब प्राप्त हुए। ऐसे में इस सर्वे के परिणाम ने भ्रष्टाचार की व्यापकता को सामने लाया, जिसमें 66% व्यवसायों ने पिछले 12 महीनों में रिश्वत देने की बात स्वीकार की है।

क्या है रिश्वत लेने के पीछे मुख्य कारण?

जबरन रिश्वत

54% कंपनियों ने बताया कि उन्हें अपने काम को पूरा करने के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया।

स्वैच्छिक रिश्वत

46% व्यवसायों ने एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेस जैसे परमिट, अनुपालन या अन्य कार्यों को तेज़ी से निपटाने के लिए स्वेच्छा से रिश्वत दी है।

मुख्य समस्याएँ

रिश्वत आमतौर पर डुप्लिकेट लाइसेंस प्राप्त करने, कंप्लायंस सर्टिफिकेट हासिल करने या संपत्ति से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए दी जाती है।

अब भी बना हुआ है भ्रष्टाचार 

हालांकि कम्प्यूटरीकरण और सरकारी ई-प्रोक्योरमेंट मार्केटप्लेस जैसी पहलें जारी हैं, फिर भी भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सर्वेक्षण के मुताबिक, रिश्वत आमतौर पर बंद दरवाजों के पीछे और सीसीटीवी की निगरानी से बचकर दी जाती है। व्यवसायों ने निम्नलिखित विभागों में रिश्वत देने की सूचना दी है:

  • कानूनी और माप विज्ञान
  • खाद्य और औषधि
  • स्वास्थ्य
  • जीएसटी और प्रदूषण
  • नगर निगम और बिजली विभाग

क्या बताते है सर्वे के परिणाम?

रिश्वत से बचने वाले व्यवसाय

सिर्फ 16% रेस्पोंडेंट ने बताया कि उन्होंने बिना रिश्वत दिए अपने कार्य पूरे किए, जबकि 19% ने यह कहा कि उन्हें ऐसे किसी प्रक्रिया की आवश्यकता ही नहीं पड़ी है।

व्यापक प्रभाव

भ्रष्टाचार कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करता है, जैसे परमिट, आपूर्तिकर्ता की योग्यता, बोली में हेरफेर और भुगतान प्रक्रियाएँ। डिजिटल सिस्टम के बावजूद, इन प्रक्रियाओं में खामियां हैं, जो लगातार हेरफेर की गुंजाइश को बरकरार रखे हुए हैं।

क्या होने चाहिए भ्रष्टाचार पर काबू पाने के उपाय?

ई-प्रोक्योरमेंट मार्केटप्लेस जैसी पहलों का उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना है, लेकिन इस दिशा में अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रक्रियाओं को सरल बनाना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार पर कड़ी सजा लागू करना इस समस्या का समाधान हो सकता है। कंपनियां भ्रष्टाचार के लिए जाने जाने वाले क्षेत्रों में अधिक जवाबदेही की भी मांग कर रही हैं।

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                                       SUMMARY

लोकलसर्किल्स के सर्वे में सामने आया कि पिछले साल 66% भारतीय व्यवसायों ने रिश्वत दी, जिनमें से 54% को मजबूरी में और 46% ने प्रक्रियाओं को तेज़ करने के लिए स्वेच्छा से रिश्वत दी है। कम्प्यूटरीकरण के बावजूद भ्रष्टाचार जारी है, खासकर जीएसटी, स्वास्थ्य, और नगर निगम जैसे विभागों में। समाधान के रूप में पारदर्शिता और सख्त दंड की आवश्यकता है।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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