टैक्स चोरी के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने ₹1,045 करोड़ के फर्जी रिफंड क्लेम्स का खुलासा किया है। यह खुलासा AI-बेस्ड वेरिफिकेशन टूल्स की मदद से हुआ। इन टूल्स ने आयकर रिटर्न में गड़बड़ियों को पकड़ा गया। इसके बाद, पिछले चार महीनों में करीब 40,000 टैक्सपेयर्स ने अपने रिफंड क्लेम्स खुद ही वापस ले लिए।

आइए जानते है इस मामले से जुड़ी कुछ खास अपडेट्स-
AI से हुई टैक्स गड़बड़ी की पहचान
AI हर क्षेत्र में एक बेहतरीन ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है। इस बीच हाल ही में AI, थर्ड-पार्टी डेटा और ग्राउंड-लेवल इंटेलिजेंस के ज़रिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बड़ी टैक्स गड़बड़ी का पता लगाया है। ये गड़बड़ियां फर्जी छूट और गलत क्लेम से जुड़ी थीं। इस कार्रवाई के तहत कई राज्यों में छापेमारी की गई। जिसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। कुल 150 से ज्यादा जगहों पर सर्च कैंपेन चलाया गया।
कैसे किए गए फर्जी दावे?
बता दें कि टैक्स पेयेर्स ने ऐसे डिडक्शन का दावा किया, जो असल में मौजूद ही नहीं थीं। इनमें शामिल थे-
- फर्जी हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
- गलत एजुकेशन लोन इंटरेस्ट स्टेटमेंट
- झूठे हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
- होम लोन पर ग़लत ब्याज कटौती
- राजनीतिक पार्टियों को दिखावटी दान
इन दावों के पीछे एक पैटर्न था। कई मामलों में टैक्स रिटर्न एजेंटों ने लोगों को ज्यादा रिफंड का लालच देकर फर्जी क्लेम करवाए गए।
इस मामले कौन थे दोषी?
फर्जी टैक्स दावे करने वालों में सिर्फ छोटे व्यापारी या फ्रीलांसर ही शामिल नहीं थे। जांच में पता चला है कि इस घोटाले में कई तरह के लोग शामिल थे। इनमें सरकारी कर्मचारी, पब्लिक सेक्टर और मल्टीनेशनल कंपनी के कर्मचारी, शिक्षक, स्कूल के कर्मचारी और मिड साइज्ड बिजनेस करने वाले लोग भी थे। अफसरों के मुताबिक, यह टैक्स घोटाला सोचे गए स्तर से कहीं बड़ा था।
रिवाइज्ड रिटर्न और वॉलंटरी विथड्रावल
आयकर विभाग की लगातार मेहनत रंग लाई। ईमेल, एसएमएस और सीधे संपर्क के जरिए 40,000 करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न (ITR) में सुधार किया।
उन्होंने फर्जी दावे खुद ही वापस ले लिए। फिर भी, कई लोग अब भी कर एजेंटों या धोखाधड़ी के जाल में फंसे हुए हैं। वे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, जैसा की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है।
अब क्या होगी अगली कार्रवाई?
इस पुरे मामले में वित्त मंत्रालय ने कड़ी चेतावनी दी है। फर्जी रिफंड क्लेम करने वालों के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसमें जुर्माना, नकली रिफंड पर ब्याज और आपराधिक मुकदमा शामिल है। इसलिए टैक्स पेयेर्स से अपील है कि वे जल्द से जल्द अपने रिटर्न सही करें। वरना सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
सभी करदाताओं के लिए सख्त चेतावनी
मैन्युअल गलतियों का दौर अब पुराना हो गया है। आज भारतीय टैक्स सिस्टम पूरी तरह डेटा और AI के सहारे काम कर रहा है। सरकार का संदेश साफ़ है – “झूठे दावे करके ज्यादा रिफंड पाने की कोशिश करना अब खतरनाक हो सकता है। इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।”
हर एक दावे को सावधानी से जांचिए। फ़ॉर्म 16 और दूसरे वैध दस्तावेज़ साथ रखें। अगर कहीं गलती हो, तो तुरंत अपने रिटर्न को सुधारें। सब कुछ सही समय पर करें, वरना पछताना पड़ सकता है।
Summary
आयकर विभाग ने AI तकनीक की मदद से ₹1,045 करोड़ के फर्जी टैक्स रिफंड घोटाले का खुलासा किया है। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में 150 से अधिक जगहों पर छापेमारी हुई। 40,000 से अधिक करदाताओं ने अपने गलत दावे खुद ही वापस लिए। वित्त मंत्रालय ने कड़ी चेतावनी दी है और करदाताओं से जल्द रिटर्न सही करने का आदेश दिया है।
