देश में त्यौहारों के साथ ही वेडिंग सीजन की भी शुरुआत होने वाली है। भारत में नवंबर से दिसंबर 2024 के मध्य तक बड़े पैमाने पर शादी-बियाह के आयोजन किए जाएंगे। PL कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देश में करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जो पिछले साल से कई ज्यादा है। शादियों में इस उछाल से ज्वेलरी से लेकर हॉस्पिटैलिटी तक, भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही देश की वित्तीय गति को भी लाभ प्राप्त होगा।

सोने की डिमांड में होगी वृद्धि
बताते चलें की इस साल 2024 में लगभग 35 लाख शादियां होने की उम्मीद है, जो 2023 में लगभग 32 लाख शादियों से काफी अधिक है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में आयात शुल्क में कमी के चलते सोने की मांग में वृद्धि हो सकती है। जुलाई बजट में सोने के आयात शुल्क को 15% से घटाकर 6% करने का सरकार का फैसला इस फैसले में अहम भूमिका निभाएगा। इससे लोग त्यौहारोंऔर शादियों के लिए किफ़ायती दरों पर सोना खरीद सकेंगे।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
साल 2024 में, शादी के इस सीजन से भारतीय इकोनॉमी के कई क्षेत्रों में ग्रोथ होने की उम्मीद है। इसमें मुख्य रूप से ज्वेलरी, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और ऑटोमोबाइल जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने यह भी बताया कि जनवरी और जुलाई 2024 के बीच 42 लाख से अधिक शादियों में अनुमानित 5.5 लाख करोड़ खर्च हुआ हैं। ऐसे में अतिरिक्त 35 लाख शादियों की उपभोक्ता मांग के साथ होटल, एयरलाइंस और लक्जरी परिवहन जैसे प्रीमियम प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
इतना ही नहीं, इस बढ़े हुए उपभोक्ता खर्च के कारण भारतीय शेयर बाजार में भी उछाल आने की संभावना हैं।
सरकार ने दिया डेस्टिनेशन वेडिंग पर जोर
इस समय बढ़ते हुए वेडिंग मार्केट का और अधिक लाभ उठाने के लिए, सरकार ने भारत को विवाह के लिए एक प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में बढ़ावा देने की योजना बना रही है। यह पहल 25 प्रमुख विवाह स्थलों पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जोड़ों को आकर्षित करना है। इससे वर्तमान में विदेशों में शादियों पर खर्च होने वाले 12.1 बिलियन अमरीकी डॉलर की इनकम जेनेरेट करने का अवसर प्राप्त होगा।
इस कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि देश में विदेशी मुद्रा के प्रवाह को भी बढ़ाएगा,जिससे निश्चित तौर पर भारत की आर्थिक विकास में समृद्धि होगी।
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SUMMARY
साल 2024 के अंत में वेडिंग सीजन के दौरान 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जो ज्वेलरी, हॉस्पिटैलिटी, और ऑटोमोबाइल सेक्टरों को बूस्ट देगा। सरकार ने सोने के आयात शुल्क में कटौती की, जिससे त्यौहारों और शादियों के लिए सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, डेस्टिनेशन वेडिंग से विदेशी मुद्रा में वृद्धि और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
